अभिनेता राम यशवर्धन वर्तमान में "शिव शक्ति - तप त्याग तांडव" शो में नज़र आ रहे हैं, जहाँ वे भगवान शिव की भूमिका निभा रहे हैं। उनके अभिनय को प्रशंसकों द्वारा खूब सराहा गया है, जिससे उन्हें शो के ज़रिए काफ़ी नाम और शोहरत मिली है। हाल ही में, अभिनेता ने पौराणिक श्रृंखला में रचनात्मक स्वतंत्रता की अवधारणा पर चर्चा की।
डीएनए इंडिया से बातचीत में राम ने कहा, "आज के दर्शक ड्रामा और मनोरंजन की मांग करते हैं और अगर उन्हें यह नहीं मिलता है, तो वे शो नहीं देखेंगे। अगर वे नहीं देखेंगे, तो ऐसी पौराणिक श्रृंखलाएँ टीवी पर नहीं आएंगी। यह सभी पर लागू होता है। हमें थोड़ी रचनात्मक स्वतंत्रता मिलती है, लेकिन अपनी सीमाओं के भीतर, यह सुनिश्चित करते हुए कि सच्चाई बदली न जाए। हम इसे कैसे प्रस्तुत करते हैं, इसका परिप्रेक्ष्य बदल सकते हैं, किसी घटना को और अधिक भव्य बना सकते हैं। रचनात्मक स्वतंत्रता है, लेकिन आप सच्चाई को नहीं बदल सकते।"
उन्होंने आगे कहा, "पौराणिक श्रृंखला बनाने वाले सभी लोग बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, और हर किसी का अपना दृष्टिकोण होता है। मेरी नज़र में शिव की छवि आपकी नज़र में वैसी नहीं हो सकती। मेरी नज़र में शिव की दाढ़ी हो सकती है, जबकि आपकी नज़र में वे बिना दाढ़ी वाले हो सकते हैं। आप उन्हें एक बॉडीबिल्डर के रूप में देख सकते हैं, और मैं उन्हें लंबे बालों वाले एक दुबले-पतले, तपस्वी व्यक्ति के रूप में देख सकता हूँ। हर किसी का अपना दृष्टिकोण होता है।"
अभिनेता इससे पहले "एक थी रानी एक था रावण", "लक्ष्मी नारायण - सुख सामर्थ्य संतुलन", "पापनाशिनी गंगा" और "उदय" जैसे शो में नज़र आ चुके हैं। राम यशवर्धन की अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है और वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं।
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