भगवान शिव को सोमवार का दिन प्रिय है और सोमवार के दिन उनका पूजन करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। जी दरअसल शिव भगवान जितनी आसानी से प्रसन्न होते है, उतना ही इनका क्रोध भी प्रलयंकारी माना जाता है। कहते हैं भगवान शिव के भोले होने के चलते ही इनका एक नाम भोलेनाथ भी है लेकिन शिव के प्रलयंकारी गुस्से के बारे में आप जानते होंगे। कहते हैं जिस दिन शिव ने अपनी तीसरी आंख खोल दी, उसी दिन दुनिया का अंत निश्चित है। वैसे शिव पुराण में कई बातों का जिक्र है और इसी के अनुसार कार्य, बात-व्यवहार और सोच द्वारा किए गए 12 पाप ऐसे हैं, जिसे भगवान शिव कभी क्षमा नहीं करते। आज हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं।
* किसी भोले-भाले और निरपराध इंसान को कष्ट देना, उसे नुकसान पहुंचाने, या धन-संपत्ति लूटने, उसके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना या ऐसी सोच रखने वाला व्यक्ति भगवान शिव की नजरों में पापी होता है।
* दूसरों के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखना, या उसे पाने की इच्छा करना भी पाप की श्रेणी में आता है।
* दूसरों का धन अपना बनाने की चाह रखना भी पाप की श्रेणी में आता है।
* अच्छी बातें भूलकर बुरी राह को स्वयं चुनने वाले लोग भी पापी कहलाते हैं।
* शिव पुराण के अनुसार किसी गर्भवती महिला या मासिक के दौरान उसको कटु वचन कहना या अपनी बातों से उनका दिल दुखाना भी पाप की श्रेणी में आता है।।
* किसी के सम्मान को हानि पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना ‘छल’ की श्रेणी में आता है और इसी के साथ यह भी पाप की श्रेणी में आता है।
* समाज में किसी के मान-सम्मान को हानि पहुंचाने की नीयत से या उसकी पीठ पीछे बातें करना या अफवाह फैलाना भी पाप की श्रेणी में आता है।
* धर्म अनुसार मना की गई चीजें खाना या धर्म के विपरीत कार्य करना भी पाप की श्रेणी में आता है।
* बच्चों, महिलाओं या किसी भी कमजोर जीव के खिलाफ हिंसा और असामाजिक कार्यों में लिप्तता भी पाप की श्रेणी में आता है।
* गलत तरीके से दूसरे की संपत्ति हड़पना, ब्राह्मण या मंदिर की चीजें चुराना या गलत तरीके से हथियाना भी पाप की श्रेणी में आता है।
* गुरु, माता-पिता, पत्नी या पूर्वजों का अपमान करना भी पाप की श्रेणी में आता है।
* शराब पीना, गुरु की पत्नी के साथ संबंध बनाना, दान की हुई चीजें या धन वापस लेना महापाप माने जाते हैं।
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