भगवान शिव की कृपा यदि शीघ्र ही प्राप्त करना है तो शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में शिव की पूजन अर्चन करने का विधान बताया गया है। कहा गया है कि जो श्रद्धालु शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ नियमित रूप से करता है वह न केवल भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो जाता है वहीं जीवन में सुख समृद्धि के साथ आनंद की भी प्राप्ति होती है। यहां शिव पंचाक्षर स्त्रोत का मूल पाठ दिया जा रहा है, जिससे हमारे साथ जुड़े श्रद्धालु लाभान्वित हो सके।
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय। नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै न काराय नमः शिवायः॥
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय। मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै म काराय नमः शिवायः॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय। श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नमः शिवायः॥
वसिष्ठ कुम्भोद्भव गौतमार्य मुनींद्र देवार्चित शेखराय। चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नमः शिवायः॥
यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय। दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नमः शिवायः॥
पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेत् शिव सन्निधौ। शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥
||इति श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रं सम्पूर्णम्||
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मनचाहा जीवन साथी पाने के लिए मोगरे के फूल से करे शिवजी की पूजा