मौत एक सच है जो किसी ना किसी दिन आनी है। कहा जाता है जिसकी मौत लिखी हो उसे कोई नहीं बचा सकता है लेकिन भगवान मौत के मुंह से आपको खींचकर वापस ला सकते हैं। जी हाँ, अगर आपको भी मौत से डर लगता है तो आपको शिव जी के इस चमत्कारिक मंत्र का जाप करना चाहिए जो हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं। कहा जाता है तीनों लोकों के स्वामी भगवान शिव है और उनका यह सबसे बड़ा मंत्र है। मौत को भी मात देने की शक्ति वाले इस मंत्र को महामृत्युंजय मंत्र के नाम से जाना जाता है।
मंत्र- ऊं त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात।
आप सभी को बता दें कि इसी मंत्र का एक और वृहद रूप भी है, जिसे प्राणरक्षक और महामोक्ष के नाम से जाना जाता है। इसका जाप बेहद गंभीर समस्या उत्पन्न होने पर बेहद सटीकता और बिना किसी गलत उच्चारण के साथ किया जाना चाहिए। तभी आपको रहत मिलेगी।
ऊं हौं जूं सः। ऊं भूः भुवः स्वः ऊं त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात।। ऊं स्वः भुवः भूं ऊं। ऊं सः जूं हौं।
ध्यान रखे मंत्र के जाप के दौरान ये बातें-
- मंत्र को जपते हुए यह ध्यान रहें कि किसी भी शब्द का गलत उच्चारण न हो। इसलिए मंत्र को देखकर बोलना उचित होगा।
- जाप या तो सुबह करें या फिर शाम के समय। ध्यान रहे दोपहर 12 बजे के बाद मंत्र का जाप ना करें।
- मानव किसी भी प्रकार के कोई गंभीर कष्ट से घिरा हुआ रहता है, तो वह इस मंत्र का जप कर सकता है।
- कम से कम जप की तीन माला (एक बार माला फेरने में 108 बार मंत्र उच्चारण करना होता है) अवश्य करें। इसे कम ना करें।
- यदि घर-परिवार में कोई व्यक्ति मृत्यु के निकट पहुंच गया है और इस बात के संकेत मिल गए है कि उसका बचना मुश्किल तो ऐसी स्थिति में सवा लाख मंत्र जाप का अनुष्ठान करें।
- जब मंत्र का जाप किया जा रहा हो तो उस समय निरंतर धूप-दीप आदि प्रज्ज्वलित होने चाहिए।
- मंत्र की ध्वनि कभी भी होंठों के बाहर न सुनाई पड़ें। आप धीमे स्वर में इसका उच्चारण करें।
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