नई दिल्ली। कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार के घर हुई छापामार कार्रवाई के मसले पर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। जहाॅं कांग्रेस सांसदों ने इस घटना पर विरोध जताया वहीं सत्तापक्ष के मंत्रियों ने छापेमारी को लेकर कहा कि यह कार्रवाई केवल एक मंत्री के घर हुई है। इस मामले में जमकर राजनीति हुई ओर राज्यसभा में हंगामा हुआ। जब सदन दूसरी बार दोपहर 12 बजे फिर प्रारंभ हुआ तो फिर गुजरात में राज्यसभा चुनाव और कांग्रेस सदस्यों को लेकर चर्चा होने लगी। ऐसे में सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने इस कार्रवाई को लेकर कहा कि यह कार्रवाई एक मंत्री के घर पर हुई है जहां अर्थात् जिस रिसोर्ट में कांग्रेस विधायक छुपे हैं वहाॅं कुछ भी नहीं हुआ है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विरोध करते हुए कहा कि कार्रवाई की टाइमिंग को लेकर संशय बना हुआ है। दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कार्रवाई तो उन पर होना चाहिए जो पैसे बाॅंटने में लगे हैं। भाजपा ही विधायकों को पैसा बाॅंटने में लगी है।
उनका कहना था कि डर का माहौल तो गुजरात में था मगर अब यही हालात दक्षिण के राज्यों में हो गए हैं। देश में डर का माहौल बना हुआ है। विपक्ष ने प्रति माह एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ने पर भी विरोध किया। ऐसे में पैट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वर्ष 2010 में मंत्रीसमूह तैयार किया गया था।
इस समूह के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी थे। समिति में शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममात बनर्जी, पूर्व मंत्री मुरली देवड़ा आदि शामिल थे। इस समूह ने ही निर्णय लिया था कि गैस सब्सिडी को कम किया जाएग और एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ेंगे।
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