सावन का महीना है और इस महीने में शिव जी का पूजन किया जाता है। वहीं धर्म ग्रंथों में शिव पूजा से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। हालांकि बहुत कम लोग इन नियमों के बारे में जानते हैं। कहा जाता है जिन घरों में शिवलिंग की स्थापना व पूजा विधि-विधान से नहीं होती, वहां कुछ न कुछ परेशानी जरूर होती है। इस वजह से जिन लोगों के घर में शिवलिंग स्थापित है, उन लोगों को कुछ खास बातें हमेशा ध्यान रखनी चाहिए। आज हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं।
घर में कितना बड़ा शिवलिंग होना चाहिए- धर्म ग्रंथों के अनुसार, अगर आप अपने घर में शिवलिंग की पूजा करना चाहते हैं तो इसके आकार पर आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए। जी दरअसल घर में हाथ के अंगूठे के बराबर का शिवलिंग रखना शुभ होता है। ध्यान रहे इससे अधिक बड़ा शिवलिंग घर में नहीं रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे वास्तु दोष बढ़ सकता है। वहीं शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग के साथ ही देवी पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय स्वामी और नंदी की छोटी सी प्रतिमा भी जरूर रखें। जी हाँ और इन सभी की संयुक्त रूप से पूजा करने से जल्दी शुभ फल मिलते हैं।
शिवलिंग खंडित हो जाए तो क्या करें?- जी दरअसल विद्वानों का मानना है कि शिवलिंग परमपिता महादेवा का निराकार स्वरूप है। इसका मतलब है जिसका कोई आकार नहीं होता। अगर शिवलिंग हल्का खंडित भी हो जाए तो भी उसकी पूजा की जा सकती है। जी हाँ और पूर्ण रूप से खंडित शिवलिंग को नदी में प्रवाहित कर उसके स्थान पर नए शिवलिंग की स्थापना करनी चाहिए। वहीं शिव प्रतिमा महादेव का साकार स्वरूप है, ये अगर थोड़ी भी खंडित हो जाए तो इसकी पूजा न करते हुए इसका विसर्जन करना ही उत्तम रहता है।
कितने शिवलिंग रखें घर के पूजा स्थान पर?- कहा जाता है धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि पूजा स्थान पर एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। जी हाँ और एक से अधिक शिवलिंग एक स्थान पर रखने से इनकी ऊर्जाओं में टकराहट होती है जो शुभ नहीं होता। इस वजह से कोशिश करनी चाहिए कि घर का मंदिर जहां शिवलिंग स्थापित है थोड़े खुले स्थान पर हो ताकि शिवलिंग की ऊर्जा पूरे घर में फैल सके।
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