लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के मुखिया शिवपाल यादव ने यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर अपना मंथन शुरू किया जा चुका है. इटावा के जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने अब समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन या फिर विलय से भी कुछ दिनों के लिए पोस्टपोन किया जा चुका है. जिसके साथ उन्होंने प्रदेश सरकार पर कोविड-19 संक्रमण को लेकर दोहरा मापदंड अपनाने का इलज़ाम लगाते हुए सहकारी ग्राम विकास बैंक के चुनाव टालने का अनुरोध किया है.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के मुखिया शिवपाल यादव ने यूपी में 2022 के विधानसभा इलेक्शन से पहले संयुक्त समाजवादी मंच बनाने की पैरोकारी की. समाजवादी पार्टी ने अब गठबंधन करने से 2 कदम आगे बढ़ते हुए शिवपाल सिंह यादव ने बड़ा दांव चल चुके है. शवपाल सिंह यादव ने बताया है कि 2015 से ही महागठबंधन बनाने की प्रयास जारी है. इसके उपरांत 5 नवंबर 2016 को समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में अजित सिंह, शरद यादव, लालू प्रसाद यादव और HD देवगौडा ने एक स्वर से मुलायम सिंह यादव को गठबंधन की कमान देने पर सहमति दी थी. लेकिन ये सारे प्रयास पूरे न हो सके.
विपक्ष के सामने अपना वजूद बचाने की गंभीर चुनौती: शिवपाल सिंह यादव ने बताया कि देश तथा प्रदेश में BJP की सरकार के आगे अब विपक्ष के सामने अपना वजूद बचाने की गंभीर चुनौती बन चुकी है. ऐसे हालात में भी विपक्ष बिखरा रहा तो लोकतंत्र के लिए संकट की घंटी है. शिवपाल सिंह यादव ने बताया है कि मेरी यह व्यक्तिगत आकांक्षा रही है कि समाजवादी धारा के सभी लोग एक मंच पर आएं और एक ऐसा तालमेल बने, इसमें सभी को सम्मान मिल सके और प्रदेश का विकास हो सकता है. मैं चाहता हूं कि एक बार फिर 2022 के विधानसभा चुनाव से सभी समाजवादी एक मंच पर नज़र आए.
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