लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में डिंपल यादव को जीत की तरफ बढ़ता देखकर समाजवादी पार्टी (सपा) परिवार फिर से एकजुट हो गया है। अखिलेश और शिवपाल ने अपने सारे गिले-शिकवे भुलाते हुए एक-दूसरे से हाथ मिला लिया है। बहू डिंपल को जीतता देखकर शिवपाल यादव ने सपा में घर वापसी कर ली है। सैफई के एसएस मेमोरियल स्कूल में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रसपा का सपा में विलय कराया।
इस दौरान अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव को पार्टी का चुनाव चिह्न साइकिल भी भेंट किया। प्रसपा और सपा का विलय होते ही दोनों पार्टी के समर्थकों में जश्न का माहौल बन गया। पिता के सपा में शामिल होने के बाद बेटे आदित्य यादव और भतीजे अभिषेक यादव ने भी अपने वाहनों से प्रसपा का झंडा निकालकर सपा का झंडा लगा दिया। सपा और शिवपाल ने अपने-अपने हैंडल से सपा में प्रसपा के विलय की तस्वीर भी ट्वीटर पर शेयर की है। बता दें कि सितंबर 2016 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव और कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव के बीच पार्टी और सरकार में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई थी।
एक जनवरी 2017 को अखिलेश को सपा प्रमुख नियुक्त कर दिया गया था। उसके बाद शिवपाल पार्टी में हाशिये पर पहुंच गए थे। सपा में 'सम्मान' न मिलने का इल्जाम लगाते हुए शिवपाल ने अगस्त 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) बना ली थी। शिवपाल ने वर्ष 2019 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट का चुनाव सपा उम्मीदवार अक्षय यादव के विरुद्ध लड़ा था। हालांकि, वह जीत नहीं पाए थे, मगर उन्हें 90 हजार से अधिक वोट मिले थे, जिसे सपा उम्मीदवार की हार का बड़ा कारण माना गया था।
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