लखनऊ: शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने यूपी में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. बुधवार को दिन भर चली प्रसपा की बैठक के बाद खुद शिवपाल सिंह यादव ने इस बात का ऐलान किया है. इसके साथ ही बैठक में ये भी फ़ैसला लिया गया है कि पार्टी राष्ट्रवाद की नीति पर काम करेगी. वहीं, सियासी नज़रिए से ये दोनों ही बातें समाजवादी पार्टी (सपा) की मुश्किलें बढ़ाने वाली हैं.
दरअसल, हाल ही में खत्म हुए यूपी विधानसभा सत्र में जहां चाचा शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच की दूरी साफ नज़र आई, वहीं कई बार शिवपाल की भाजपा से नजदीकियां भी सुर्ख़ियों में रही. इसी बीच बुधवार को लखनऊ में हुई प्रसपा की बैठक में शिवपाल सिंह यादव ने न केवल तमाम पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की बात सुनी, बल्कि ये घोषणा भी कर दी कि प्रसपा स्थानीय निकाय के चुनाव लड़ेगी. ये ऐलान कार्यकर्ताओं को फील्ड पर तैयारी करने के निर्देश को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण है साथ ही देखा जाए तो ये सपा मुखिया अखिलेश यादव की मुश्किल बढ़ाने वाला है.
दरअसल, छह घंटे तक चली मैराथन बैठक में प्रसपा के फ्रंटल संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष, सभी मंडलीय प्रभारी, सभी ज़िलाध्यक्ष उपस्थित रहे. शिवपाल यादव पूरी बैठक के दौरान मौजूद थे. बैठक में कई पदाधिकारियों ने अपनी राय रखी. ये बात निकल कर सामने आयी कि जो वर्तमान स्थिति है उसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं की पहचान और जमीन पर सक्रियता यदि बढ़ानी है तो और अधिक अवसर मिलने चाहिए.
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