लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर MLA बनने के बाद भी बैठक में नहीं बुलाए जाने से नाराज शिवपाल यादव 'आजाद' होने के बाद भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने भतीजे और सपा मुखिया अखिलेश यादव के इस कदम को भी अपरिपक्वता करार दिया है। शिवपाल ने कहा कि यदि उन्हें आजाद ही करना था तो पार्टी और विधानमंडल दल से निकाल देना चाहिए था।
शिवपाल यादव की नाराजगी और अखिलेश यादव को लेकर बयानबाजी के मद्द्नज़र शनिवार को सपा ने आजाद करने संबंधी पत्र जारी किया था। सपा ने पत्र जारी करते हुए लिखा था कि माननीय शिवपाल सिंह यादव जी यदि आपको लगता है, कहीं अधिक सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि हम तो पहले से ही आज़ाद हैं। हमें मीडिया से पता चला कि वापस आजादी दी गई है। अच्छा होता कि मुझे समाजवादी पार्टी और विधानमंडल दल से निकाल दिया जाता।
शिवपाल ने कहा कि मुझे आजादी देकर अखिलेश यादव ने एक बाद फिर सियासी अपरिपक्वता का सबूत दिया है। परिपक्व होते तो हमें पार्टी से निकालते। जब बैठक में नहीं बुलाएंगे, कोई जानकारी नहीं देंगे, तो कम से कम पार्टी से ही निकाल देते। शिवपाल ने कहा कि हमारी पार्टी कहां थी और कहां पहुंच चुकी है। लेकिन अखिलेश में परिपक्वता होती तो आज हमारी सरकार होती और अखिलेश CM होते।
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