लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जिस तरह से समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मध्य गठबंधन हुआ है, उसने प्रदेश के राजनितिक गर्मी में इजाफा कर दिया है. इस गठबंधन के बाद शिवपाल यादव ने एक बार फिर से बसपा अध्यक्ष मायावती पर हमला बोला है, उन्होंने 1994 के गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए बड़ा बयान दिया है. शिवपाल ने कहा है कि मुझ पर यौन शोषण का आरोप लगाया गया था, मैंने कहा था कि मैं जांच कराने के लिए तैयार हूं, मैं नार्को टेस्ट करवाने के लिए भी तैयार हूं, किन्तु मेरी एक शर्त है कि मायावती का भी नार्को टेस्ट करवाया जाए, किन्तु वे इसके लिए तैयार नहीं हूईं.
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शिवपाल यादव ने सपा-बसपा के मध्य गठबंधन होने का बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिदायत दी है कि, बसपा अध्यक्ष मायावती विश्वास लायक नही हैं. उन्होंने कहा है कि मायावती ओबीसी, मुस्लिम वोट प्राप्त करने के बाद सपा का साथ छोड़ देंगी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हो जाएंगी. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि शिवपाल ने ये आरोप ऐसे वक़्त में लगाए हैं, जब उन्हें किसी भी पार्टी की तरफ से अभी तक गठबंधन मे शामिल होने का न्योता नहीं मिल सका है, हालाँकि इससे पहले उन्होने कहा था कि गठबंधन के लिए हमारे दरवाजे खुले हुए हैं, हमारी शर्त ये है कि हमे सम्मानजनक सीटें मिले.
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आपको बता दें कि सपा और बसपा के मध्य गठबंधन की घोषणा मायावती और अखिलेश यादव ने संयुक्त प्रेस वार्ता में की थी. इस गठबंधन में दोनों ही पार्टियां 50-50 प्रतिशत सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं, हालांकि कांग्रेस की पारंपरिक सीटें रायबरेली और अमेठी को अखिलेश-मायावती ने छोड़ने का फैसला लिया है. वहीं सपा-बसपा के मध्य गठबंधन की घोषणा के बाद कांग्रेस ने राज्य की तमाम 80 लोकसभा सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
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