शिवपुरी: अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो चुका है और इसी के चलते अब वहां से लोगों को सुरक्षित निकालने की कवायद जारी है। बीते मंगलवार को यहाँ से जिन 210 लोगों को सुरक्षित निकाल कर भारत लाया गया, उस टीम का नेतृत्व आईटीबीपी के कमांडेंट और शिवपुरी के रहने वाले रविकांत गौतम ने किया। जी हाँ, मिली जानकारी के तहत गौतम अपने साथियों के साथ सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालकर लाए हैं।
यहाँ भारतीयों को एकत्र करने के दौरान कुछ जगहों पर तालिबान से आईटीबीपी के कमांडेंट का आमना-सामना भी हुआ, केवल यही नहीं बल्कि इस दौरान अप्रत्यक्ष फायरिंग भी हुई। इस मामले के बारे में आईटीबीपी कमांडेंट रविकांत गौतम के परिवार का कहना है कि, 'रविकांत अफगानिस्तान में 20 अगस्त 2020 से पदस्थ थे और जब वहां पर हालात बिगड़ने लगे और तालिबान ने कब्जा करना शुरू किया, तो फिर सरकार के आदेश पर वहां पर काम करने वाले भारतीयों को मैसेज किया गया। इस दौरान जिन भारतीयों ने मैसेज किया, उनके ठिकाने मालूम करके अपनी गाड़ियों से उन्हें इकट्ठा करना शुरू किया गया।'
आप सभी को बता दें कि रविकांत राजनायिक, आईटीबीपी कमांडो, अन्य जवानों और भारतीयों को लेकर आए हैं, जो वहां पर अलग-अलग काम करते हैं। जी दरअसल इनमें से कुछ दूतावास पर आ गए थे और कुछ को अपनी गाड़ियां ले जाकर इकट्ठा किया गया। हालाँकि अफगानिस्तान के हर शहर और हर सड़क सेंसटिव होने की वजह से सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। उस समय हालात कुछ ऐसे थे कि कभी भी कुछ भी हो सकता था, लेकिन सभी को लेकर वो बेस तक पहुंचे और वहां से एक प्लेन में लेकर आए। इस दौरान गुजरात में लोगों को दो प्लेन में शिफ्ट किया गया। इस बारे में रविकांत के पिता रामस्वरूप गौतम ने बताया, 'पहली खेप 15 अगस्त को भेजी थी और दूसरे चक्कर में अपने साथ 210 लोगों को लाया गया।'
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