शिवपुरी की नर्सिंग छात्रा काव्या धाकड़ और उसके दोस्त हर्षित को इंदौर क्राइम ब्रांच ने अपनी हिरासत में ले लिया है। दोनों देवगुराड़िया की शिवाजी वाटिका कालोनी में छुपे हुए थे। इसके पूर्व दोनों ने अमृतसर में लंगर खाकर कुछ दिन बिताएं। चार दिन पूर्व नया रूम लिया और पुलिस पहुंच गई।
बैराड़ (शिवपुरी) निवासी 20 वर्षीय काव्या धाकड़ ने 18 मार्च को अपहरण की साजिश कर पिता रघुवीर से 30 लाख रुपये की मांग की थी। काव्या कोटा की कोचिंग क्लास से नर्सिंग की स्टडी कर रही थी। जांच में पता चला कि काव्या ने विदेश जाने के लिए दोस्त हर्षित के साथ साजिश रची थी। इंदौर के भोलाराम उस्ताद मार्ग के एक होस्टल में हाथ-पैर बांध कर फोटो खींचे और पिता रघुवीर को सेंड की थी । कोटा के विज्ञान नगर थाना की पुलिस ने तलाश की तो काव्या और हर्षित उस जगह से भाग निकले। मंगलवार को पुलिस ने दोनों को इंदौर के देवगुराड़िया से अपनी हिरासत में ले लिया है।
गुरुद्वारा में रुके और लंगर खाकर दिन गुजारे: एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के अनुसार, पूछताछ में इस बारें में कहा है कि दोनों अमृतसर गए थे। गुरुद्वारा में ही रुके और लंगर खाकर दिन निकाल दिए थे। 4 दिन पूर्व देवगुराड़िया पहुंचे और शिवाजी वाटिका में रहने वाले सुरेंद्र के घर किराए का बोर्ड देख रूम ले लिया था। संदिग्ध गतिविधियां देखकर मुखबिर ने पुलिस तक इस बात की जानकारी पहुंचाई। शाम को टीम कालोनी में पहुंची और दोनों को पकड़ लिया। एडीसीपी के अनुसार, कोटा पुलिस को सूचना दे दी है। दोनों की दस्तयाबी पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
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