हालाँकि एमपी में विधान सभा के चुनाव इस साल के आखिर में होंगे , लेकिन उसके पहले राज्य में दो उप चुनाव होंगे. यह दोनों उप चुनाव सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए है , जहाँ यह उप चुनाव कांग्रेस के जीतने पर यह लिटमस टेस्ट की तरह होंगे , वहीं भाजपा सरकार के लिए जीत पर सत्ता में वापसी के संकेत तो हार पर खतरे की घंटी भी साबित होंगे. दरअसल यह उप चुनाव सिंधिया बनाम भाजपा और शिवराज सरकार बन गया है .
बता दें कि राज्य के अशोकनगर के मुंगावली और शिवपुरी के कोलारस विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हैं, इन दोनों ही स्थानों से कांग्रेस विधायक थे, जिनके निधन से यह सीटें रिक्त होने पर यह उप चुनाव हो रहे हैं ,हालाँकि अभी तारीखों की घोषणा नहीं हुई है , फिर भी चुनावी रंग चढ़ने लगा है .कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया, तो दूसरी ओर भाजपा की तरफ से प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई मंत्री और संगठन के कई पदाधिकारी जोर लगा रहे हैं .
उल्लेखनीय है कि अशोकनगर और शिवपुरी दोनों ही जिले सिंधिया परिवार के प्रभाव वाले क्षेत्र हैं, ऐसे यह दोनों सीटें कांग्रेस से छीनना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा . वैसे भी भाजपा का ज्यादा फोकस कोलारस क्षेत्र पर है, मुंगावली में वह ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रही है. मुख्यमंत्री चौहान के 6 दौरे हो चुके हैं. कोलारस के सहरिया आदिवासियों में कुपोषण कम करने के लिए हर परिवार को एक हजार रुपये मासिक भत्ता देने की घोषणा भी की है .सीएम के बेटे कार्तिकेय भी कोलारस में प्रचार कर चुके हैं .अटेर और चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भाजपा की हार से वह ज्यादा सतर्क हो गई है . फ़िलहाल तो यह मुकाबला बराबरी का लग रहा है .
यह भी देखें
एमपी में हो सकते हैं बड़े बदलाव
जब ग़ुस्से में शिवराज ने गन मेन को जड़ा थप्पड़