भोपाल: एससी/एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से अनुसूचित समुदाय केंद्र सरकार के खिलाफ हो गया है, ऐसे में अब भाजपा सरकार आगामी चुनावों को देखते हुए उन्हें रिझाने में जुटी हुई है. मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और उसके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साल के अंत में होने वाले चुनाव के लिए आदिवासियों के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा करने के साथ ही उनका क्रियान्वयन भी तेजी से शुरू कर दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 24 अप्रैल को मध्यप्रदेश आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले के रामनगर में एक बड़ी सभा को संबोधित करने आ रहे हैं. बीजेपी का गणित पिछड़े और आदिवासी वर्ग को साथ लेकर सरकार बनाने का है. आदिवासियों को लुभाने के शिवराज सिंह चौहान उनके साथ नृत्य कर रहे हैं और घर जाकर खाना खा रहे हैं. राज्य में आदिवासी के वर्ग के लिए विधानसभा की कुल 47 सीटें आरक्षित हैं. राज्य में लगभग 21 प्रतिशत मतदाता आदिवासी हैं.
विशेष रूप से पिछड़े इस आदिवासी वर्ग के लोगों के खाते में हर माह एक हजार रुपए की राशि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार द्वारा जमा कराई जा रही है. इन वर्ग के युवकों को सरकारी विभागों में बिना किसी साक्षात्कार के नौकरी भी दी जा रही है जिसके लिए मुख्यमंत्री चौहान खुद नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं. यहाँ तक कि तेन्दु पत्ता तोड़ने वाले पुरुष एवं महिला श्रमिकों के कल्याण के लिए भी योजना बनाई गई है, जिसमें पुरुष श्रमिक को जूते और पानी की कुप्पी एवं महिला श्रमिक को चप्पल, पानी की कुप्पी और साड़ी दी जा रही है. शिवराज सरकार के इस कदम को राज्य में चौथी बार सरकार बनाने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है.
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