देशभर में कोरोना की रोकथाम के लिए लॉक दवों की अवधि को बढ़ाया गया है. इसी वजह से जो जहां है वो वही फंसा रहा गया है. वही अब दूसरे राज्यों में फंसे मप्र के लाखों मजदूरों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बड़ा अभियान शुरू करने जा रहे हैं. मप्र के अन्य राज्यों में 1.10 लाख मजदूर फंसे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और उप्र के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर ली है.
बता दें की उन्होंने अफसरों को निर्देश दे दिए हैं कि सभी मजदूरों की घर वापसी का जल्द पुख्ता प्लान बनाकर दें. मजूदरों को लाने उनके परिजन को मप्र से जाने की अनुमति दी जाएगी. प्रदेश में दूसरे जिलों में फंसे मजदूर भी अपने जिले में वापस जा सकेंगे, लेकिन इंदौर जिले व दूसरे संक्रमित क्षेत्रों से किसी मजदूर को आने-जाने की अनुमति नहीं होगी. मप्र में फंसे दूसरे राज्य के मजदूरों को भी उनके प्रदेश जाने की अनुमति दी जाएगी. इसके लिए वे अपने या सरकार के साधनों का उपयोग कर सकेंगे.
जानकारी के लिए बता दें की देशभर के कुल अप्रवासी श्रमिकों में से 24% सिर्फ उत्तरप्रदेश के हैं. ऐसे में अगर उत्तरप्रदेश के कामगार लोग दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों से वापस जाएंगे तो 3 मई के बाद शुरू होने वाली इंडस्ट्री के लिए बड़ी समस्या होगी. जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर और अर्थशास्त्री प्रो. अरुण कुमार का आकलन है कि मजदूरों की कमी, डिमांड और कोविड टेस्टिंग नहीं होने से करीब 60% इंडस्ट्री मंजूरी मिलने के बाद भी तुरंत शुरू नहीं हो पाएगी. रिसर्च एंड इंफोर्मेशन सिस्टम (आरआईएस) के अमिताभ कुंडू ने बताया कि देश में अप्रवासी लोगों की संख्या करीब 7 करोड़ है. इनमें से ज्यादा गांव लौट जाएंगे. इसलिए इंडस्ट्री की चिंता बढ़ गई है.
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