मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट एवं उद्धव सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत के बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में बीजेपी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने सामना में लिखा, महाराष्ट्र की सरकार को गिराने के लिए बीजेपी वाले एक भी अवसर नहीं छोड़ते हैं। ढाई वर्ष पूर्व अजीत पवार प्रकरण आरम्भ हुआ था। उसमें कामयाबी नहीं मिली। अब वही बेचैन आत्माएं एकनाथ शिंदे की गर्दन पर बैठकर ऑपरेशन कमल कर रही हैं।
सामना में शिवसेना ने लिखा, मुंबई पर कब्जा करना है तो शिवसेना को अस्थिर करो यही महाराष्ट्र द्रोहियों की नीति है, किन्तु महाराष्ट्र सयानों का प्रदेश है। सयानेपन में महाराष्ट्र अन्य प्रदेशों से दो कदम आगे रहता है। बीजेपी पर इल्जाम लगाते हुए सामना में लिखा गया कि विधानापरिषद चुनाव के पश्चात् शिवसेना के दस विधायकों को उठाकर गुजरात ले जाया गया। उन्होंने भागने की कोशिश की तो उन्हें मारा-पीटा गया।
मुखपत्र में आगे लिखा, महाराष्ट्र में सत्ता की मस्ती नहीं चलेगी। केंद्रीय सत्ता की मस्ती दिखाकर महाराष्ट्र में तोड़-फोड़ की राजनीति आरम्भ है। मां का दूध बेचने वाली औलाद शिवसेना में नहीं, ऐसा शिवसेना प्रमुख हमेशा बोलते थे। ऐसे लोग शिवसेना में पैदा हों, यह महाराष्ट्र की मिट्टी से बेईमानी है। शिवसेना मां है। उनकी कसमें खाकर राजनीति करने वालों ने मां के दूध का बाजार आरम्भ कर दिया है। उस बाजार के लिए सूरत का चुनाव किया गया। शिवसेना ने कहा, महाराष्ट्र पर हमला करने वाले, महाराष्ट्र से बेईमानी करने वालों का क्या होगा? फितूर का बीज बोने वालों का क्या होगा? धर्म के मुखौटे के नीचे अधर्म का साथ देने वालों को जनता माफ करेगी क्या? ये ज्वलंत सवाल है। संकटों एवं तूफानों से सामना करने की शिवसेना की आदत है। गुजरात की जमीन पर फड़फड़ाने वाले ये इतिहास एक बार फिर समझ लो कि गुजरात में ये मंडली अवश्य डांडिया खेले किन्तु महाराष्ट्र में तलवार से तलवार भिड़ेगी, ये निश्चित है।
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