मुंबई : शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती का लोकसभा चुनाव ना लड़ना एनडीए की निश्चित जीत का स्पष्ट संकेत है. शिवसेना ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन का तालमेल बिगाड़ देंगी क्योंकि कांग्रेस और मायावती का वोट बैंक एक ही है.
लोकसभा चुनाव: आखिर लालू के सामने झुकी कांग्रेस, 9 सीटों पर लड़ने को हुई राजी
एनडीए के घटक दल शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक लेख में कहा है कि शरद पवार और मायावती का चुनाव ना लड़ना इस बात का संकेत है कि नरेंद्र मोदी का पीएम के रूप में जीतकर लौटना तय है. संपादकीय में कहा गया है है कि, 'शरद पवार के साथ मायावती ने भी लोकसभा चुनाव ना लड़ने की घोषणा की है. अहम् बात यह है कि वे प्रधानमंत्री पद की रेस से बाहर हो गए हैं.'
लोकसभा चुनाव: शिवसेना ने जारी किए प्रत्याशियों के नाम, यहाँ देखिए पूरी लिस्ट
मायावती का हवाला देते हुए शिवसेना ने कहा है कि मायावती देशभर में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करना चाहती हैं इसलिए उन्होंने खुद चुनाव ना लड़ने का निर्णय लिया है. संपादकीय में कहा गया है कि बसपा का जनाधार मात्र उत्तर प्रदेश में है और चुनाव ना लड़ने के फैसले का मतलब ये है कि वे चुनाव लड़ने से भाग रही हैं. ‘सामना’ में दावा किया गया है कि पवार ने भी माढा लोकसभा सीट से इसी तरह भगाने का विकल्प चुना है.
खबरें और भी:-
पाकिस्तान को 2.1 अरब डॉलर का कर्ज देगा चीन, आर्थिक संकट से उबरने में भी करेगा मदद
लोकसभा चुनाव: माकपा की चुनावी ललकार, अबकी बार- मोदी बेरोज़गार
लोकसभा चुनाव: कांग्रेस को एक और झटका, महाराष्ट्र के एक और नेता भाजपा में शामिल