मुंबई: मोदी सरकार के कार्यकाल का शुक्रवार को अंतिम बजट पेश किया गया. इस बजट के जरिए सरकार की कोशिश रही कि हर वर्ग को खुश और संतुष्ट किया जा सके, ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका लाभ मिल सके. बजट के बाद पूरा विपक्ष इसे आखिरी जुमला बता रहा है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने सराहना की है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा है कि देशभर के लोगों को जिसकी आशा थी. मोदी सरकार ने वो करके दिखा दिया है.
प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर मनोज तिवारी ने साधा केजरीवाल सरकार पर निशाना
सामना में लिखा है कि देशभर में इस साल भले ही कम बरसात हुई है फिर भी लोकसभा चुनाव से पहले अंतिम बजट में मोदी सरकार घोषणाओं की जोरदार बारिश करेगी, यही आशा सबको थी. वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार संभालने वाले रेलमंत्री पीयूष गोयल द्वारा शुक्रवार को रखे गए ‘अंतरिम’ बजट ने जन अपेक्षाओं को भंग नहीं किया है. यह बजट ‘अंतरिम’ जरूर था फिर भी चुनाव से पहले सरकार के लिए यह आखिरी अवसर होने से उसका स्वरूप ‘पूर्ण बजट’ जैसा रखा जाएगा और इस अवसर का पूर्णत: लाभ उठाने का प्रयास सरकार द्वारा की जाएगी, ये काले पत्थर की सफेद लकीर की तरह थी.
आज से बंगाल में शुरू हो रही भाजपा की गणतंत्र बचाओ यात्रा, कई नेता होंगे शामिल
अंतरिम बजट पर नजर डालने पर ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने इस पर स्पष्ट लकीर खींचने का प्रयास किया है. नोटबंदी तथा अन्य आर्थिक नीतियों की वजह से गरीब और मध्यम वर्ग से लेकर किसान और मजदूर तक और आम नौकरीपेशा से लेकर व्यावसायिक और उद्योगपतियों तक सभी घटक मोदी सरकार से नाराज चल रहे थे. ऊपर से इन दिनों में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का झटका सत्ताधारी दल को लगा, इसलिए इन नाराज घटकों को प्रसन्न करने की कोशिश इस बजट में की गई है.
खबरें और भी:-
किसानों को दी जाने वाली 6000 की राशि खैरात नहीं, बल्कि अन्नदाताओं का सम्मान - पियूष गोयल
जयाप्रदा बोलीं, अगर अमर सिंह को राखी भी बांध दूँ, तो भी लोग बातें बनाएँगे
मोदी सरकार के बजट पर लालू ने भी किया पलटवार, कहा झूठ की टोकरी पर जुमलों का बाजार