मुंबई: शिवसेना ने शनिवार को एक खबर का हवाला देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नया रवैया यह है कि अयोध्या के राम मंदिर मुद्दे को अस्थायी तौर पर अलग रख दिया जाए और पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पैदा हुए हालात को देखते हुए कश्मीर के मुद्दे को 'प्राथमिकता' दी जाए, क्योंकि यह देश में वर्तमान विमर्श के अनुकूल है.
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शिवसेना ने कहा है कि चूंकि कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी पार्टियों का प्रस्तावित महागठबंधन देश में कभी अमन और शांति नहीं ला सकता, इसलिए आरएसएस का बदला हुआ रुख एक तरह से देश के लिए उचित है.हालांकि, शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखे गए लेख में दावा किया है कि गत पांच वर्षों में पाकिस्तान को कोई क्षति नहीं पहुंचाई गई. पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रचारित किए गए उस नारे को दोहराने की आवश्यकता पर भी सवाल खड़े किए जिसमें 'स्थिर सरकार और एक मजबूत प्रधानमंत्री' चुनने का दावा किया गया था.
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शिवसेना ने पुलवामा जैसी घटनाओं को रोकने के लिए देश में एक स्थिर सरकार की आवश्यकता बताई है. आपको बता दें बीते 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के एक काफिले पर हुए आत्मघाती आतंकी हमले में इस अर्धसैनिक बल के कम से कम 44 जवान शहीद हो गए थे. पाकिस्तान स्थित और पाक द्वारा समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली थी.
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