मुंबई: केंद्र की एनडीए सरकार की सहयोगी शिवसेना ने एक बार फिर से राम मंदिर मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी को निशाना बनाया है. शिवसेना का कहना है कि राम मंदिर मुद्दा भाजपा के लिए एक और 'जुमला' बन गया है और ये पार्टी के सत्ता से बाहर होने की मुख्य वजह बन सकता है. पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में शिवसेना ने कहा है कि हाल में संपन्न हुए तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की शिकस्त हुई है, इसके बावजूद पार्टी इस मुद्दे पर सक्रिय नहीं हो रही है. पार्टी आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत की तरफ से कहे गए भगवत् गीता के अर्थ से भी सीख नहीं ले रही है.
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उल्लेखनीय है कि शिवसेना लगातार भाजपा सरकार पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दबाव बना रही है. हालांकि अब पार्टी ने भाजपा से सवाल किया है कि भगवान राम के लिए "अच्छे दिन" कब आएंगे. 'सामना' में छपे संपादकीय में शिवसेना ने कहा है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भगवत् गीता का उल्लेख करते हुए भाजपा के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत दिया था, 'लेकिन उन्होंने इसका उपयोग नहीं किया. 'सामना' में छपे संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि कुंभकर्ण की तरह यह सरकार तीन राज्य हार जाने के बाद भी जागने के लिए तैयार नहीं है.
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आपको बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त झेलनी पड़ी थी. तीनों राज्यों में भाजपा की सरकार थी, लेकिन कांग्रेस ने वहां जीत दर्ज करते हुए सरकार बना ली है. शिवसेना ने कहा है कि पूरा देश चाहता था कि राम मंदिर का निर्माण हो और यही वजह थी कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत से जीती थी. हालांकि, अब यह मुद्दा पार्टी के लिए एक और 'जुमला' बन चुका है, इसी के साथ पतन शुरू हो गया है.
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