नई दिल्ली: क्रिकेट जगत में शोएब अख्तर एक बड़ा नाम हैं, जिनके प्रशंसक पूरी दुनिया में हैं। शोएब अख्तर को विश्व के सबसे तेज गेंदबाजों में गिना जाता था। शोएब अख्तर को बाउंसर बॉल से गहरा लगाव था और वह अपनी रफ़्तार से बल्लेबाजों को मात देने की कोशिश करते थे। 2003 के वर्ल्ड कप में अख्तर ने निक नाइट को 161.3 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से एक गेंद फेंकी थी, जो क्रिकेट इतिहास में अब तक की सबसे तेज गेंद है। अब रावलपिंडी एक्सप्रेस नाम से मशहूर इस गेंदबाज़ ने बल्लेबाजों को लगातार बाउंसर गेंद फेंकने के पीछा का राज बताया है।
एक खेल वेबसाइट पर मोहम्मद कैफ के साथ बातचीत करते हुए अख्तर ने कहा कि, 'मैंने बाउंसर डाले, क्योंकि मुझे बल्लेबाजों को बंदरों की तरह कूदते हुए देखना अच्छा लगता था। झूठ नहीं बोलता, मैं बल्लेबाजों को सिर पर गेंद मारना चाहता था, क्योंकि मेरे पास रफ्तार थी। यह एक तेज गेंदबाज होने का फायदा है, यह बस होना था।' आगे बाउंसरों के प्रति अपने जुनून के बारे में बताते हुए पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ने कहा कि उन्होंने बल्लेबाजों को आतंकित करने के लिए बाउंसर का इस्तेमाल किया, क्योंकि उनका मानना था कि बल्लेबाज आईने में चेहरा देखते वक़्त उन्हें जरूर याद रखेगा। अख्तर ने कहा कि, 'आप निश्चित रूप से फुलर गेंदबाजी नहीं करेंगे। बॉल शरीर पर मारा जाना चाहिए, ताकि शरीर पर सूजन नज़र आए। जब भी बल्लेबाज खुद को आईने में देखे तो वह मुझे याद करे।'
वहीं, टीम इंडिया के धाकड़ बल्लेबाज़ मोहम्मद कैफ ने भी शोएब अख्तर के लंबे गेंदबाजी रन-अप के बारे में एक मजेदार कहानी का भी खुलासा किया, जब वर्ष 1999 में कैफ कोच्चि में एक प्रैक्टिस मैच में उनका सामना करने जा रहे था। कैफ ने कहा, मैं सोच रहा था कि मैं चाय पी के आ सकता, जब तक वह गेंदबाजी क्रीज पर पहुंचेंगे।'
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