पटना: 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी पार्टियां तैयारियों में जुटी हैं। एक ओर भाजपा अपने पुराने सहयोगी दलों को NDA में वापस जोड़ने में लगी है तो वहीं विपक्षी दल भी महागठबंधन पर मंथन कर रहे हैं। इस सबके बीच भाजपा को झटका लगा है। कारण, बिहार से सांसद पशुपति पारस ने भतीजे चिराग पासवान के साथ सुलह करने से मना कर दिया है। साथ ही हाजीपुर सीट से ही लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि पशुपति पारस एवं चिराग पासवान एकजुट होकर लोजपा से ही 2014 का चुनाव लड़े। इसको लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 14 जुलाई को पशुपति पारस से मुलाकात की थी। मगर पशुपति पारस ने भारतीय जनता पार्टी के प्रस्ताव को ये कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि दल के साथ दिल भी टूट गए हैं। वो इस जीवन में चिराग पासवान के साथ नहीं आ सकते। इससे पहले नित्यानंद राय चिराग पासवान से भी मिल चुके हैं।
रामविसाल पासवान के देहांत के पश्चात् पार्टी दो फाड़ हो गई थी। वर्तमान में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) चिराग एवं लोक जनशक्ति पार्टी (राष्ट्रीय) पशुपति पारस की है। चाचा-भतीजे के बीच पेंच हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर फंसा है। कारण, पशुपति फिलहाल इस सीट से सांसद हैं, जबकि चिराग पासवान 2024 में यहां से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। वर्तमान में चिराग जमुई से सांसद हैं। हालांकि पशुपति ने सीट छोड़ने से मना कर दिया था तथा कहा कि ये सीट उनके भाई रामविलास पासवान ने उन्हें सौंपी थी। वह आगे भी इसी सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। आपको बता दें कि हाजीपुर से रामविलास पासवान जीतते रहे हैं। यह उनकी विरासत मानी जाती है। पशुपति पारस ने कहा कि वे 2024 में हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे। उनका कहना है कि चिराग पासवान का हाजीपुर से लड़ने की बात कहना जमुई की जनता से धोखा देने जैसा है।