नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने फेसबुक इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट अजित मोहन को दिल्ली दंगे से जुड़े केस में राहत दी है। न्यायालय ने दिल्ली विधासनभा पैनल को आदेश दिया है कि आने वाले 15 अक्टूबर तक अजित मोहन को लेकर कोई जबरदस्ती कार्यवाही न की जाए। अजित मोहन ने दिल्ली दंगों के सबंध में बनाए गए प्रदेश विधानसभा पैनल द्वारा निर्धारित किए गए दो नोटिसों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था।
वही सर्वोच्च न्यायालय की ओर से पैनल को यह आदेश भी दिया गया कि अगली मीटिंग तब तक न की जाए जब तक न्यायालय की कार्यवाही पूरी न हो। दरअसल, दिल्ली विधानसभा के एक पैनल ने फेसबुक को दिल्ली दंगों में किरदार को लेकर नोटिस जारी किया है। अब फेसबुक ने इस नोटिस के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दर्ज की है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते विधासनभा के पैनल के नोटिस के बाद भी निर्धारित दिनांक पर फेसबुक के अफसर नहीं पहुंचे थे।
साथ ही कुछ वक़्त पहले अमेरिकी अखबर वॉल स्ट्रीट जर्नल ने ये दावा किया था कि फेसबुक ने जानबूझकर दिल्ली दंगों के दौरान भड़काऊ सामग्री पर पाबंदी नहीं लगाई। वही अजित मोहन, जो कि फेसबुक इंडिया के प्रबंध निदेशक भी हैं, को विधानसभा पैनल ने मौजूदगी होने के लिए नोटिस भेजा था। उन्हें पैनल के सामने फेसबुक पर लगे दोषों को लेकर जानकारी देनी थी। परन्तु वो नहीं पहुंचे। इसकी जगह पैनल को फेसबुक के डायरेक्टर ऑफ ट्रस्ट एंड सेफ्टी विक्रम लांगेह की ओर से एक खत मिला। इस खत में पैनल के नोटिस पर प्रश्न खड़े किए गए थे तथा इसे वापस लेने का आग्रह किया गया था। साथ ही पुरे मामले की जाँच लगातार जारी है।
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