हर देश अपने नागरिकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए कई कायदे-कानून बनाता है. इन कानूनों को फॉलो न करने वालों के खिलाफ कई सख्त एक्शन लिए जाते हैं और जुर्माना भी लगाया जाता है. उसी कड़ी में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए भी हर देश में अलग-अलग तरह के टेस्ट होते हैं. उन टेस्ट में इंसान को रिटन टेस्ट, ओरल टेस्ट, ड्राइविंग एबिलिटी के बीच से गुज़ारना पड़ता है. आज इस ख़बर के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं यूरोपीय देश लुथियाना के अजीबो गरीब कानून के बारे में.
यूरोपीय देश लुथियाना की प्रथा कुछ अलग ही है. यहां पर किसी महिला को यदि ड्राइविंग लाइसेंस पाना है तो उसे पहले गाइनेकोलॉजिस्ट के पास जाना होता है. यहां वह पूरी तरह से अपना चेकअप करवाती हैं. डॉक्टरों द्वारा क्लीन चिट मिलने के बाद ही वह लाइसेंस के लिए अप्लाई कर पाती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लुथियाना में यह कानून करीब 2002 तक लागू रहा.
इस तरह का कानून लागु करने के पीछे यह कारण था कि लाइसेंस पाने वाली महिलाएं किसी भी तरह की कोई बिमारी का शिकार न हो. डॉक्टरों का ऐसा मानना था कि बीमार महिलाएं ठीक से गाड़ी नहीं चला पाती. लेकिन यह कानून पुरुषों पर लागू नहीं होता. काफी लम्बे समय तक इस क़ानून का विरोध हुआ. लोगों का मानना था कि यह क़ानून पुरुष और महिलाओं के भेदभाव को बढ़ाता है.
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