वैसे तो बहुत सी ऐसी आदिवासी जाति के बारे में सुना होगा अपने जिनमे बहुत से अजीबो गरीब प्रथाएं होती हैं। लेकिन अंडमान में रह रहे जारवा आदिवासियों की एक प्रथा ऐसी है जो आपको हैरान कर देगी। दरअसल, यहाँ कुछ ऐसा होता है जिसे आप आसानी से यकीन नही कर पाएंगे। यहां जन्म लेने वाले उन बच्चों को मार दिया जाता है, जिनकी मां या तो विधवा होती हैं या पिता दूसरे समुदाय से होते हैं।
जी हाँ,इतना ही नही, अगर कोई बच्चा काले रंग का ना होकर थोड़ा भी साफ रंग का पैदा होता है, तो उसे भी मार दिया जाता है, क्योंकि वो दूसरे समुदाय का लगता है। पिछले कुछ महीनों में यहां ऐसे बच्चों की हत्या के कई मामले सामने आए हैं। अंडमान पुलिस के सामने मुश्किल यह है कि वह शिकायत पर एक्शन ले या फिर ट्राइब की परंपरा को बनाए रखे। वहीं, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इनकी आबादी करीब 400 है।
ये ट्राइब्स अंडमान आइलैंड के नॉर्थ इलाके में रहती है। माना जाता है कि जारवा जनजाति 55 हजार साल से यहां रहती है, लेकिन 1990 में पहली बार बाहरी दुनिया के संपर्क में आई थी। जारवा ट्राइब्स इलाकों में विदेशी या बाहरी लोगों के आने पर बैन है।
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