सुनील पाल की किडनैपिंग को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस भी रह गई दंग

सुनील पाल की किडनैपिंग को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस भी रह गई दंग
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देश के जाने माने मशहूर कॉमेडियन सुनील पाल का हाल ही में अपहरण होने की खबर ने सभी को चौंका दिया था। इस घटना ने न सिर्फ उनके प्रशंसकों को बल्कि उनके शुभचिंतकों को भी गहरी चिंता में डाल दिया था। अपहरणकर्ताओं ने सुनील पाल से 20 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी, किन्तु फिरौती की राशि में से 7.5 लाख रुपये मिलने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। पुलिस ने इस मामले की तहकीकात शुरू की थी, और यह सामने आया कि मामला यूपी के मेरठ से जुड़ा हुआ था। किन्तु अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है, जो सभी को हैरान कर रहा है।

पुलिस ने हाल ही में खुलासा किया है कि सुनील पाल का कोई अपहरण नहीं हुआ था तथा यह पूरी घटना एक साजिश का हिस्सा थी, जिसे खुद सुनील पाल ने रचा था। मेरठ पुलिस ने बताया कि सुनील पाल ने खुद अपनी किडनैपिंग की योजना बनाई थी तथा यह घटना पूरी तरह से झूठी थी। पुलिस ने इस मामले में कई साक्ष्य जुटाए हैं, जिसमें एक वायरल फोन कॉल का ऑडियो भी सम्मिलित है। इस ऑडियो में सुनील पाल यह स्वीकार करते हुए सुनाई दे रहे हैं कि मीडिया और साइबर क्राइम विभाग ने उन्हें पकड़ लिया है तथा अभी तक उन्होंने इस घटना के संबंध में कोई पुलिस शिकायत नहीं की है।

मामला उस समय और पेचीदा हो गया जब मेरठ के दो सर्राफा व्यापारियों ने पुलिस को सूचित किया कि मुंबई पुलिस ने उनके खाते को फ्रीज कर दिया है। ये व्यापारिक रिपोर्ट्स बताते हैं कि सुनील पाल के खाते से लेन-देन का मामला जुड़ा हुआ था। पुलिस ने जब तहकीकात की तो पाया कि अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की रकम से 6 लाख रुपये के गहने खरीदे थे। पुलिस को यह जानकारी प्राप्त हुई कि किडनैपिंग दिल्ली में की गई थी तथा अपहरणकर्ताओं ने 20 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी। फिरौती की रकम के साथ, अपहरणकर्ताओं ने गहने खरीदे और इस राशि को अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया।

अपहरणकर्ताओं के साथ सुनील पाल की बातचीत भी सामने आई है, जिसमें यह पूरी साजिश का खुलासा हुआ है। इस बातचीत से यह भी स्पष्ट हुआ कि सुनील पाल ने अपनी किडनैपिंग का झूठा नाटक रचा था, जिसे उन्होंने अपने फायदे के लिए योजना बनाई थी। पुलिस के मुताबिक, सुनील पाल के पास कोई सच्चा खतरा नहीं था, बल्कि यह सब एक व्यक्तिगत लाभ के लिए रचा गया था। अब इस मामले में उत्तर प्रदेश और मुंबई पुलिस के बीच समन्वय हो सकता है तथा आने वाले दिनों में और भी तथ्य सामने आ सकते हैं।

ये घटना कई सवाल उठाता हैं और बताता कि लोग किस तरह अपने लाभ के लिए समाज और कानून को भी धोखा दे सकते हैं। वही पुलिस द्वारा इस मामले की गहराई से तहकीकात की जा रही है तथा यह जानने का प्रयास कर रही है कि इस साजिश के पीछे और कौन लोग शामिल थे।

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