भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में अगले मुख्यमंत्री पद के लिए किसी को चेहरा नहीं बनाया है। इस बीच शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपनी दावेदारी पेश करते हुए जनता से पूछा कि वह उन्हें एक बार फिर सीएम देखना चाहते हैं या नहीं। डिंडौरी में एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने पूछा कि मामा को दोबारा मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं और क्या बीजेपी की सरकार बननी चाहिए या नहीं।
उन्होंने कहा, 'मेरा साथ एक संकल्प हो आपके हित में काम करेगा। इसलिए कृपया मुझे बताइए मैं अच्छा काम कर रहा हूं या नहीं। यह सरकार जारी रहनी चाहिए या नहीं। मामा को सीएम बनना चाहिए या नहीं? क्या मोदी जी को पीएम बनना चाहिए या नहीं। क्या बीजेपी की सरकार फिर से आनी चाहिए या नहीं। आइए भायों और बहनों एक संकल्प लें कि जो हमारा समर्थन करेगा हम उसका समर्थन करेंगे।' आचार संहिता लगने से ठीक पहले सीएम के इस बयान ने एक बार फिर राजनीति तेज कर दी है। मध्य प्रदेश कुछ केंद्रीय मंत्रियों एवं सांसदों के चुनाव में उतरने के पश्चात् से शिवराज के भविष्य को लेकर कई प्रकार की अटकलें लगने लगीं। इसे उस समय और हवा मिल गई जब उन्होंने एक सभा में भावुक अपील करते हुए कह दिया, 'चला गया तो बहुत याद आऊंगा।' हालांकि, अब शिवराज ने साफ संकेत दिए हैं कि वह मध्य प्रदेश में फिर चुनाव लड़ेंगे तथा पार्टी को जीत मिली तो सीएम भी बनेंगे।
2 दिन पहले उन्होंने चुनाव लड़ने पर बने सस्पेंस को समाप्त करते हुए बिधूनी में मतदाताओं से पूछा कि उन्हें दोबारा चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं। जनता से हां में आवाज आने के पश्चात् उन्होंने कहा, 'मैं वोटर्स का सम्मान करूंगा और चुनाव लड़ूंगा।' सीएम का यह बयान ऐसे वक़्त पर आया है जब उज्जैन दो दिन पहले दिए उनके एक भाषण का अंश भी वायरल हो रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राजनीति की राह को रपटीली बताते हुए कहा कि इसमें कदम-कदम पर फिसलने का खतरा रहता है। उन्होंने संतों से अच्छे मार्ग पर चलते रहने का आशीर्वाद मांगते हुए यह बात कही। दूसरी ओर एक दिन पहले ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वह केवल विधायक बनने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि जीत मिलने पर पार्टी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देगी। बीजेपी लगभग 2 दशक से मध्य प्रदेश की सत्ता में है तथा एक बार फिर जीतन के लिए पूरा दमखम लगा रही है। शिवराज सिंह चौहान पाचंवीं बार मध्य प्रदेश के सीएम के तौर पर शपथ लेना चाहते हैं। हालांकि, पार्टी ने मुख्यमंत्री पद पर उनकी दावेदारी की घोषणा नहीं की है। बीजेपी अब तक 79 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर चुकी है।
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