'पिछले 24 घंटे में यमुना में डुबकी लगाकर दिखाएं', केजरीवाल को BJP नेता की चेतावनी

'पिछले 24 घंटे में यमुना में डुबकी लगाकर दिखाएं', केजरीवाल को BJP नेता की चेतावनी
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नई दिल्ली: ठंड की शुरुआत के साथ ही उत्तर भारत में वायु प्रदूषण के स्तर में तेजी से वृद्धि होने लगी है, जिसका सबसे गंभीर असर राजधानी दिल्ली में देखा जा रहा है। यहां लगभग 3 करोड़ लोग इस बढ़ते प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर तीखा हमला किया है।

उन्होंने कहा, “मेरा इस प्रदूषण के कारण पिछले पांच दिनों से गला खराब है। मैं दवाइयां ले रहा हूं जिससे इस जानलेवा प्रदूषण में जिंदा रह सकूं।” उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र सचदेवा की तबीयत खराब होने के लिए केजरीवाल जिम्मेदार हैं। प्रवक्ता ने आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि वे यमुना में डुबकी लगाने की बात कर रहे हैं, किन्तु अब तक उन्होंने ऐसा नहीं किया। आगे उन्होंने कहा, “मैं केजरीवाल को खुला चैलेंज देता हूं कि पिछले 24 घंटे में यमुना में डुबकी लगाकर दिखाएं।” प्रवक्ता ने कहा कि केजरीवाल डुबकी इसलिए नहीं लगा रहे हैं क्योंकि नदी अब गंदी हो गई है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण की वजह से नदी की स्थिति खराब हो गई है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल अपने बड़े बंगले में 40 एयर प्यूरिफायर लगा सकते हैं, मगर झुग्गियों में रहने वाले लोगों का क्या होगा, इसका उन्हें कोई अनुमान नहीं है।

आगे उन्होंने कहा, “यदि केजरीवाल को लगता है कि उन्होंने दिल्ली की हवा को ठीक किया है, तो वे बिना मास्क के घूमकर दिखाएं।” उन्होंने कहा, “अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने वाकई में प्रदूषण पर कोई काम किया है, तो अपने शीश महल की जगह झुग्गी झोपड़ियों में एक सप्ताह रहकर दिखाएं।” उन्होंने यह भी कहा कि वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें पता है कि उन्होंने दिल्ली में सिर्फ कुकर्म किए हैं। वहीं, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण से निपटने के लिए शनिवार को एक बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र यादव, तथा पड़ोसी प्रदेशों के पर्यावरण मंत्री भी सम्मिलित थे। बैठक का उद्देश्य दिल्ली में बिगड़ती हवा की गुणवत्ता का आकलन करना तथा उसके समाधान निकालना था।

पर्यावरण मंत्री ने इस बैठक में देरी पर चिंता जताई तथा कहा, “पिछले साल अगस्त में इसी तरह की बैठक हुई थी, जिससे हमें रणनीति बनाने के लिए अधिक समय मिल गया था। इस वर्ष की बैठक अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में हुई। अगर यह 3 महीने पहले आयोजित की गई होती, तो हम प्रदूषण की समस्या से अधिक प्रभावी ढंग से निपट सकते थे।”

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