आप सभी जानते ही हैं कि आज संकष्टी चतुर्थी है. ऐसेमे आज के दिन गणेश भगवान का पूजन होता है और कहते हैं बुधवार का दिन गणेश भगवान का दिन ही माना जाता है. ऐसे में इस दिन भगवान गणेश का पूजन कर बहुत लाभ हांसिल किया जा सकता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्री गणपति स्त्रोत, जिसे आज के दिन पढ़ना चाहिए. कहते हैं इस स्त्रोत के पाठ से आपके सभी काम बन सकते हैं. आइए जानते हैं श्री गणपति स्त्रोत.
!!श्री गणपति स्त्रोत!!
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्
भक्तावासं स्मरेनित्यम आयुष्कामार्थ सिध्दये ॥१॥
प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्
तृतीयं कृष्णपिङगाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥२॥
लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धुम्रवर्णं तथाषष्टम ॥३॥
नवमं भालचंद्रं च दशमं तु विनायकम्
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥४॥
द्वादशेतानि नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्नर:
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिध्दीकर प्रभो ॥५॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम ॥६॥
जपेद्गणपतिस्तोत्रं षडभिर्मासे फलं लभेत्
संवत्सरेण सिध्दीं च लभते नात्र संशय: ॥७॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा य: समर्पयेत
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥८॥
इस वजह से भगवान विष्णु ने धारण किया था घोड़े का सिर