आप सभी को बता दें कि आज वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी है, जिसे विकट संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। जी हाँ और इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा विधिपूर्वक करते हैं। कहा जाता है उनकी कृपा से सुख, सौभाग्य, शुभता, बुद्धि, धन, दौलत आदि में वृद्धि होती है। आप सभी को यह भी बता दें कि गणेश जी प्रथम पूज्य हैं, उनके आशीर्वाद के बिना आपको कोई कार्य सफल नहीं हो सकता है। जी दरअसल उनके आशीर्वाद से तो बिगड़े काम भी बन जाते हैं और संकट दूर हो जाते हैं। इसके अलावा कार्यों में आने वाली विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्री गणेश के वह मंत्र, जिनका आज के दिन जाप करने से लाभ होता है।
श्री गणेश जी के मंत्र-
- 'ॐ गं गणपतये नम:।'
- 'ॐ वक्रतुण्डाय हुं।'
- सिद्ध लक्ष्मी मनोरहप्रियाय नमः
- 'ॐ मेघोत्काय स्वाहा।'
- 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।'
- 'ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।'
- गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।'
- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥।
- त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।
- उच्छिष्ट गणपति का मंत्र
- ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
- गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
- 'ॐ गं नमः'
- ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
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