कल है श्रावण की पूर्णिमा और इसी दिन रक्षाबंधन का भी पर्व मनाया जाता है, इसी के बाद श्रावण का महीना भी खत्म हो जायेगा. इसी के बाद खास त्यौहार होता है जन्माष्टमी का जिसे बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है. जी हाँ, राखी 26 अगस्त की है और इसी के 8 दिन बाद जन्माष्टमी का त्यौहार भी मनाया जाता है जिसमें भगवान कृष्णा के जन्म का उल्लास मनाया जाता है. राखी के मुहूर्त तो बता दिए अब हम बता देते हैं कि जन्माष्टमी कब है और इसका शुभ मुहूर्त क्या है.
क्यों बाँधी जाती है अमृत मुहूर्त में राखी
श्रावण के बाद का ये त्यौहार सबसे खास होता है जो भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. इस पर ये पर्व 3 सितंबर को है. खबर के अनुसार यह जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की 5245वीं जयंती है जिसे हम मनाने वाले हैं. इस दिन दिनभर उत्सव का माहौल रहता है और रात के 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म होता है. भगवान कृष्णा भगवान विष्णु का ही अवतार हैं जिन्हें हर रूप में पूजा जाता है. इस दिन सभी भक्त व्रत रखते हैं और भगवान के जन्म के बाद ही उपवास को खोलते हैं. तो चलिए जानते हैं जन्माष्टमी का मुहूर्त -
2 सितंबर 2018 को शाम 20:47 बजे के बाद अष्टमी तिथी शुरू होगी
3 सितंबर 2018 को शाम 19:19 बजे तक रहेगी.
निशित पूजा का समय - 23:58 से 24:44 बजे तक यानी 45 मिनट तक पूजा का निशित मुहूर्त है.
इसी के बाद आपको बता दें, यह मुहूर्त व्रत रखने वालों के लिए होगा क्योंकि 3 सितंबर को शाम 8 बजे तक ही रोहणी नक्षत्र रहेगा और भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्स 3 सितंबर की रात को ही मनाया जाएगा.
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