गुवाहाटी: असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) के प्रमुख भूपेन बोरा ने हज़ारों लड़कियों की जिंदगी नरक बनाने वाले लव जिहाद की घटनाओं का सरेआम समर्थन किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि “इश्क़ और जंग में सबकुछ जायज है।” बता दें कि, गोलाघाट जिले में हाल ही में एक जघन्य तिहरा हत्याकांड हुआ था। इसमें नजीबुर हुसैन नामक एक शख्स ने अपनी हिंदू पत्नी संघमित्रा घोष और उसके माता-पिता को चाकू घोंपकर मौत के घाट उतार दिया था। कांग्रेस नेता ने इसी मामले पर ही बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से अंतरजातीय और अंतरधार्मिक शादियां होती रहीं हैं। मगर, अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इसे सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं और इसे लव जिहाद बता रहे हैं।
Disgraceful & offensive!!
— Pallab Lochan Das (@pallablochandas) July 27, 2023
"Lord Krishna also did love jihad"- Assam Congress President Bhupen Borah
Dragging revered figures like Lord Krishna into the 'love jihad' debate is a new low in politics.
This speaks about the mentality of CONgress. pic.twitter.com/Ogp67gMNF6
कांग्रेस नेता ने कहा कि, ”इश्क और जंग में सब कुछ जायज है”, अंतर धर्म विवाह को लव जिहाद बताने से पहले मुख्यमंत्री को यह कहावत बदलनी चाहिए। परस्पर विवाह प्राचीन काल से होता चला आ रहा है। महाभारत में भी राजा धृतराष्ट्र और गांधारी की शादी, लव जिहाद का उदाहरण था। यह एक जबरन की शादी थी और इसीलिए ‘मामा शकुनि’ ने इसका बदला लिया। इसके अतिरिक्त जब श्रीकृष्ण रुक्मिणी से शादी करने आए, तो उनके सबसे अच्छे दोस्त अर्जुन उनके परिवार को गुमराह करने के लिए महिला पोशाक में थे। कांग्रेस नेता भूपेन बोरा ने कहा कि, यह भी लव जिहाद का ही उदाहरण है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि द्रौपदी ने कर्ण को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि वह निचली जाति का था। तो ये चीजें हमारे समाज में चलती रही हैं।
वहीं, असम कांग्रेस अध्यक्ष बोरा की अजीब टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के बीच सिर्फ प्रेम था। मगर, लव जिहाद में केवल जिहाद होता है, प्यार नहीं, तो लड़की का क़त्ल हो जाता है। हमें लव जिहाद को ख़त्म करना होगा। लव और जिहाद एक साथ नहीं चल सकते, जहां प्यार होता है, वहां जिहाद नहीं होता। वरिष्ठ मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि भूपेन बोरा और कांग्रेस पार्टी जिहादी संस्कृति मैं घुल-मिल चुके हैं। इसलिए उन्होंने यह कहने का दुस्साहस किया कि महाभारत में लव जिहाद था। हजारिका ने कहा कि, वे (कांग्रेस) अब जिहादी संस्कृति के इतने समर्थक हैं कि वे हिंदू और सनातनी अनुयायियों का तिरस्कार करने से पहले नहीं सोचते हैं।
क्या सचमुच इश्क़ और जंग में सबकुछ जायज है ?
बता दें कि, 'इश्क़ और जंग में सबकुछ जायज है' वाली कहावत का भारतीय संस्कृति से संबंध नकारते हुए स्कॉलर सुधांशु त्रिवेदी कहते हैं कि, न तो 'इश्क़' भारत का शब्द है, न ही 'जंग' और न ही 'जायज'। इसी तरह से अंग्रेजी में कहा जाता है कि, Every thing is fair in Love and War। त्रिवेदी पूछते हैं कि, क्या आपने किसी भारतीय भाषा, जैसे हिंदी में सुना है कि, 'प्रेम और युद्ध में सब कुछ उचित और अनुचित है' ? उनका तर्क है कि, ये विदेशी विचार है, भारत में 'प्रेम' का मतलब त्याग से माना जाता है और 'युद्ध' के कुछ नियम होते हैं। सुधांशु त्रिवेदी कहते हैं कि, अगर इस कहावत को सही मान लिया जाए, तो फिर प्रेम में लड़कियों पर एसिड फेंकने वाले और बलात्कार करने वाले 'दरिंदे' भी जायज हो जाएंगे और मानवता के खिलाफ युद्ध छेड़ चुके, छाती पर बम बांधकर फटने वाले 'आतंकी' भी जायज हो जाएंगे। वो इस विचार पर सोचने की आवश्यकता पर जोर देते हैं कि, हमें यह सोचना होगा कि यह विचार भारतीय है या हमपर थोपा गया है, क्योंकि भारत में प्रेम एक अलग विषय है, जिसमे त्याग-समर्पण का भाव है, वहीं युद्ध में भी नियमों का पालन किया जाता है।
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