इंदौर/ उज्जैन: मध्यप्रदेश के धार्मिक नगर उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ 2016 के आयोजन के दौरान श्री राम मंदिर के निर्माण का मसला फिर सामने आने लगा है। इस दौरान आयोजित हुई धर्म संसद में तो श्री राम मंदिर के निर्माण की शुरूआत की बात तक कर दी गई। दरअसल संतों के माध्यम से श्री राम मंदिर का निर्माण 9 नवंबर से प्रारंभ कर दिया जाएगा। धर्म संसद द्वारा इस मामले में निर्णय लिया गया।
राज्यसभा में बीते समय भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने श्री राम मंदिर का मसला सामने रखा। उनके द्वारा सदन में कहा गया था कि कि मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार को राय देने की बात भी कही। दूसरी ओर संतों ने कहा कि मंदिर निर्माण अयोध्या के राम लला परिसर में होगा। यह बात धर्म संसद में रखे जाने के बाद सभी संतों ने इसका समर्थन किया। संतों का कहना था कि केंद्र सरकार का राम मंदिर से कोई लेना देना नहीं है। संतों ने कहा कि मंदिर का निर्माण जनता के सहयोग से होगा।
इस धर्म संसद में आत्मानंद, शाश्वतानंद, नरेंद्रानंद, सुदर्शन महाराज, श्रीमहंत अवध किशोर दास, चंद्रदेव दास आदि मौजूद थे। इस मामले में श्री महंत जन्मेजय शरण महाराज ने कहा कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि को लेकर जो विवाद किया जा रहा है वह जमीन 77 एकड़ है और वह निर्मोही अखाड़े की है। अखाड़ा अपनी जमीन को लेकर लड़ाई लड़ रहा है। मंदिर के निर्माण में न्यायालय के आदेश को भी ध्यान में रखा जाना जरूरी है। दरअसल महंज न्मेजय शरण महाराज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास अयोध्या के अध्यक्ष हैं।