नई दिल्ली: हाल ही में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में सूचनाओं का प्रवाह बहाल होता नज़र आ रहा है. वहीं कांग्रेस नेता ने शीर्ष कोर्ट की इस व्यवस्था को मार्गदर्शक बताया जिसमें कहा गया है कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ ही वैचारिक मतभेद दबाने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेश का अनिश्चितकाल तक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
मोदी सरकार की गैरकानूनी गतिविधि को दोहरा झटका: सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री यह याद रखें कि देश संविधान के आगे नतमस्तक है न कि उनके आगे. जंहा सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की गैरकानूनी गतिविधि को बड़ा झटका दिया है.
लोकतंत्र में धारा 144 का अनियंत्रित इस्तेमाल स्वीकार्य नहीं: वहीं इस बात का पता चला है कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि अनिश्चितकाल तक इंटरनेट प्रतिबंध और धारा 144 का अनियंत्रित उपयोग लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है.'
कश्मीर को लेकर लोगों के मन में था संदेह: जंहा यह भी पता चला है कि जयराम रमेश पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि कश्मीर की हालत को लेकर लोगों के मन में संदेह था. पूरे कश्मीर में धारा 144 लागू थी, इंटरनेट, संचार बंद था, इसलिए हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
फैसले को लेकर हो रहे हैं ट्वीट: आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्विटर पर बाढ़ आ गई. एक यूजर ने ट्वीट किया, 'कोर्ट द्वारा कश्मीर में इंटरनेट का अधिकार बताने को आप सांस लेने के अधिकार की तरह देख सकते हैं. आप पांच महीने से आक्सीजन से वंचित हैं, इसलिए एक सप्ताह और रुकिए. जंहा यह देखेंगे कि रोगियों को आक्सीजन की जरूरत है, फिर हम फैसला लेंगे.'
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