इस वजह से श्रीकृष्ण को लगाया जाता है 56 भोग

इस वजह से श्रीकृष्ण को लगाया जाता है 56 भोग
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भगवान श्रीकृष्ण का आज जन्मदिन है ऐसे में सभी उनके जन्मदिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं. आप सभी को बता दें कि ऐसी मान्यता है कि गीता में दिए गए उनके उपदेशों का पालन जो ध्यानपूर्वक करता है उसका जीवन सफल हो जाता है. इसी के साथ भगवान श्रीकृष्ण के बारे में ऐसी तरह-तरह की रोचक बाते हैं जिन्हें जानने के लिए सभी उत्सुक रहते हैं. वहीं आप जानते ही होंगे कि हर जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाया जाता है और उस भोग में 56 तरह के पकवान शामिल होते हैं. जी हाँ, लेकिन इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि श्रीकृष्ण को भोग में 56 तरह के पकवान ही क्यों चढ़ाए जाते हैं? तो आइए आज जानते हैं इसके बारे में.

कथा - कथा के अनुसार एक बार इंद्रदेव ब्रजवासियों से बेहद नाराज हो गए. फलस्वरुप यहां घनघोर बारिश होने लगी. अपने भक्तों और ब्रजवासियों को इंद्रदेव के इस प्रकोप से बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठा लिया था. गांवासियों ने इस गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण लेकर अपनी रक्षा की. उसके बाद श्रीकृष्ण ने लगातार सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाए खड़े रहें. अंत में भगवान इंद्र को अपनी गलती का एहसास हुआ और यह आपदा टल गई वहीं श्रीकृष्ण हर रोज भोजन में आठ तरह की चीजें खाते थे और इधर सात दिनों से गांववासियों की रक्षा के खातिर उन्होंने कुछ भी नहीं खाया था.

कहा जाता है इस वजह से ब्रजवासियों ने उनके प्रति आभार प्रकट करने के लिए सात दिन और बार के हिसाब से उन्हें 56 प्रकार के भोग लगाए और तब से आज तक इस रीति का पालन निष्ठापूर्वक किया जाता है. आपको बता दें कि छप्पन भोग में श्रीकृष्ण के पसंदीदा व्यंजन होते हैं और इसमें मुख्य रुप से माखन मिश्री, खीर,जलेबी,रसगुल्ला,जीरा लड्डू, रबड़ी, मठरी, मालपुआ, मोहनभोग, चटनी, मुरब्बा, साग, दही, चावल, दाल, कढ़ी, घेवर, चिला, पापड़, मूंग दाल का हलवा, पकोड़ा, खिचड़ी, बैंगन की सब्जी, लौकी की सब्जी, पूरी, बादाम का दूध, टिक्की, काजू, बादाम, पिस्ता और इलाइची. इसके साथ ही तमाम तरह के फल, ड्राई फ्रूट्स, नमकीन,पेय पदार्थ और अचार जैसी वस्तुएं भी शामिल की जाती हैं.

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