नई दिल्ली : आज गुरुवार को सरकार कारोबारी वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्बर) की विकास दर के आंकड़े जारी करेगी. जिसमें उम्मीद जताई जा रही है, कि ये दर 6.2 से 6.4 फीसदी के बीच रह सकती है. यदि ऐसा हुआ तो पांच तिमाही से लगातार विकास दर में हो रही गिरावट थम जाएगी.
बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक शोध विभाग की इकोरैप की इस रिपोर्ट में दूसरी तिमाही में विकास दर 6.3-6.4 फीसदी रह सकती है. रिपोर्ट में मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और इलेक्ट्रेसिटी, तीनों में ही, सुधार दिख रहा है. स्मरण रहे कि कारोबारी वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च) के दौरान विकास दर घटकर 6.1 फीसदी और उसके बाद चालू कारोबारी साल की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में और भी गिरकर 5.7 फीसदी पर आ गई .
उल्लेखनीय है कि विकास दर के ये आंकड़े रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के ठीक पहले आने वाले हैं. यदि विकास दर की स्थिति में सुधार हुआ, तो समिति पर नीतिगत ब्याज दर में कमी को लेकर कोई दवाब नहीं रहेगा. खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य चार फीसदी है. जिसमें अधिकतम दो फीसदी कम या ज्यादा हो सकती है. वित्त मंत्री अरुण जेटली और प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के मुखिया बिबेक देबरॉय की नजर में अब स्थिति सामान्य होती दिख रही है.
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