अमृतसर: पंजाब पुलिस ने सिख एक्टिविस्ट गुरप्रीत सिंह की हत्या का खुलासा किया है, जिसमें कहा गया है कि यह हत्या खालिस्तानी सांसद अमृतपाल सिंह के इशारे पर की गई थी। पुलिस ने हत्या की साजिश में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक कनाडा में रहने वाले वांटेड आतंकवादी अर्शदीप डल्ला को मास्टरमाइंड बताया गया है।
पंजाब पुलिस के DGP गौरव यादव ने 18 अक्टूबर 2024 को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विशेष जांच दल (SIT) की जांच में अर्शदीप डल्ला की महत्वपूर्ण भूमिका उजागर हुई है। गिरफ्तार व्यक्तियों में बिलाल अहमद, गुरमनदीप सिंह और अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू शामिल हैं, जो डल्ला के गैंग के लिए काम कर रहे थे। इन तीनों ने पहले गुरप्रीत सिंह की रेकी की और फिर शूटरों को आवश्यक जानकारी दी, जिसके बाद हत्या को अंजाम दिया गया। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि इस हत्या का मुख्य योजनाकार करमवीर सिंह उर्फ गोरा भी कनाडा में है। शूटरों के हैंडलर भी विदेशों में स्थित हैं। जांच के दौरान पुलिस को सांसद अमृतपाल सिंह के इस हत्या में संलिप्त होने के सबूत मिले हैं। अमृतपाल इस समय असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है, और पुलिस उसकी भूमिका की और गहराई से जांच कर रही है।
पुलिस को इन गिरफ्तारियों में सफलता CCTV और मोबाइल फोन की जांच के जरिए मिली है। उन्होंने उन शूटरों की पहचान भी कर ली है जिन्होंने हत्या की थी और उन्हें पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। गुरप्रीत सिंह की हत्या 9 अक्टूबर 2024 को फरीदकोट में हुई थी, जब वह अपने मोटरसाइकिल से गांव के गुरुद्वारे से लौट रहा था। वह बेहबलकलां इन्साफ मोर्चा का सदस्य था, जो बेअदबी के खिलाफ आंदोलन चला रहा था और हाल के पंचायत चुनावों में सक्रिय था।
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