नई दिल्ली: अफगानिस्तान में बंधक बनाए जाने के दौरान प्रताड़ना के शिकार हुए निदान सिंह सचदेवा हिंदुस्तान लौटने के बाद राहत और सुकून में हैं और अफगानिस्तान की भयावह यादों से उबरने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ''अब मैं अपने वतन लौट आया हूं और यहां सुरक्षित हूं।'' अफगानिस्तान में सिख समुदाय के 55 वर्षीय नेता सचदेवा का वहां अल्पसंख्यक समुदाय, हिंदू और सिखों के 10 लोगों के साथ पक्तिया प्रांत से अपहरण कर लिया गया था और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था।
भारत द्वारा वीजा और आने की सुविधा मुहैया कराने के बाद वे रविवार को भारत आए हैं। अफगानिस्तान में 18 जुलाई को रिहा किए गए सचदेवा ने कहा कि अपहरण करने के बाद उन्हें कई दफा जान से मारने की धमकी दी जाती थी और उन्होंने जीवित वापस लौटने की आस छोड़ दी थी। उन्होंने कहा कि, ''मेरे साथ मारपीट की जाती थी और धमकियाँ दी जाती थी। मुझसे कहते थे कि हम तुम्हारा सिर काटकर हिन्दुस्तान पहुंचा देंगे।''
सचदेवा ने कहा कि बंधक बनाए जाने के दौरान यातना को याद कर वह अब भी कांप जाते हैं। उन्होंने कहा कि, ''हमने वहां पर पाशविक हिंसा का सामना किया। अब भी खौफ महसूस करता हूं।'' सचदेवा ने आगे कहा कि , ''लेकिन, अब भारत आ गया हूं। अब तमाम दुःख-दर्द और बंधक बनाए रखने के दौरान की सारी यातना को भूल जाना चाहता हूं।''
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