गंगटोक: सिक्किम में पर्यटन सीजन के दौरान सूबे में 15 से 17 मार्च तक भारी वर्षा, हिमपात और ओलावृष्टि हुई है. ऐसे में सिक्किम आने वाले सैलानी वहां फंस गए, क्योंकि सड़कें बर्फ और ओलों से ढकी हुई थीं, जिससे कारों और अन्य पर्यटक टैक्सियों का आवागमन असंभव हो गई. नाथू ला दर्रा, हरभजन बाबा मंदिर, जुलुक, गुरुडोंगमार झील और फूलों की घाटी जैसे विभिन्न लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में कुल 175 सैलानी फंसे हुए थे.
फंसे सैलानियों में से कई महिलाएं और बच्चे भी कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे थे. ऐसे में, सीमा सड़क संगठन (BRO) ने फंसे हुए सभी 175 सैलानियों को सुरक्षित निकाल लिया है. BRO के कर्मी स्थानीय लोगों और पर्यटकों की सहायता के लिए सड़कों को साफ कर भी कर रहे हैं, ताकि सभी पर्यटक अपने ठहरने के स्थान पर वापस जा सकें. BRO के जनसंपर्क अधिकारी, लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि, 'BRO कर्मियों ने एक अभियान चलाया और 175 फंसे हुए सैलानियों को बचाया और उन लोगों को सुरक्षित निकाला, जो विभिन्न स्थानों में फंसे हुए थे. उन्हें सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा सफलतापूर्वक बचाया गया था.'
बचाव अभियान के बाद, BRO के चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा उन पर्यटकों को चिकित्सा मदद भी प्रदान की गई, जिन्हें इसकी जरूरत थी. इसके साथ ही, भीषण ठंड के मौसम के मद्देनज़र पर्यटकों को गर्म कपड़े और कंबल भी दिए गए. लगातार बर्फ और बारिश के बाद भी BRO के भारी-भरकम उपकरणों ने लगातार 6-8 घंटे काम किया और यह सुनिश्चित किया कि अगली सुबह तक यातायात के सामान्य संचालन के लिए सड़कें खुली रहें.
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