पेशावर. करीब 10 सालों से लापता एक गुजरात के एक ग्रामीण के बारे में चौंकाने वाली खबर सामने आई है. पता चला है कि वो पाकिस्तान की जेल में बंद है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब उसी जेल में बंद उसके पड़ोसी गांव का एक व्यक्ति रिहा होकर अपने घर आया.
यह जानकर हैरानी तब हुई जब ये पता चला कि राष्ट्रीयता की पुष्टि नहीं होने के कारण उन्हें अब तक भारत वापस नहीं लाया जा सका. इस व्यक्ति के पाकिस्तानी जेल में बंद होने की जानकारी केंद्र सरकार को पिछले चार वर्षों से थी. पशुओं को चराने का काम करने वाला इस्माइल 28 अगस्त, 2008 को अचानक से गायब हो गया था. पड़ोस के गांव का रफीक जाट पाकिस्तान की जेल से छूट कर आया है. उसने करीमा को इस्माइल के पाकिस्तानी जेल में बंद होने की जानकारी दी थी.
इस्माइल की पत्नी 49 वर्षीय कामाबाई समा करीमा को तीन महीने पहले ही पता चला था कि उसका लापता पति जिंदा है. पड़ोस के गांव का रफीक जाट पाकिस्तान की जेल से छूटकर वापस आया था. उसने ही करीमा को इस्माइल के पाकिस्तान जेल में बंद होने की खबर दी थी. रफीक को अक्टूबर 2017 में रिहा किया गया था.
समा करीमा को संदेह है कि या तो इस्माइल पश्चिमी कच्छ जिले के खवाड़ा के समीप रास्ता भटक कर पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे या फिर पड़ोसी देश के सुरक्षाबलों ने उन्हें अगवा कर लिया था. मालूम हो कि इस्माइल का नाना दिनारा गांव जिला मुख्यालय भुज से 80 किलोमीटर, जबकि पाकिस्तान से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
US में विरोध-प्रदर्शन, पाक को कहा 'चप्पल चोर'
यरूशलम को फिलीस्तीन की राजधानी के पक्ष में अरब देश
असुरक्षित क्षेत्र में जाने से परेशान है शरणार्थी