नई दिल्ली. सिंधु नदी समझौते पर भारत पहले भी पाकिस्तान की आलोचना कर चूका है. इस सम्बन्ध में नई खबर है कि भारत ने रावी, व्यास और सतलज नदियों के पानी के उचित उपयोग के लिए मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं. इस पर चर्चा सिंधु जल समझौते पर बनी समिति की लाहौर में होने वाली बैठक के कुछ दिन पहले की गई है.
ये भी बता दे कि इस मुद्दे पर जम्मू कश्मीर और पंजाब के बीच महत्वपूर्ण समझौता हुआ है. 55.5 मीटर ऊंचा शाहपुर कांडी बांध पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित है, इस से पंजाब में पांच हजार हेक्टेयर सिंचाई में मदद मिलेगी इसके अलावा जम्मू-कश्मीर राज्य में 32,173 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा. इन फायदों के अलावा 206 मेगावॉट बिजली भी पैदा की जा सकेगी. यह भी बता दे कि इस प्रॉजेक्ट पर मई 1999 में काम हो कर 2014 में दोनों राज्यो के विवादों के कारण काम रुक गया था.
बीते वर्ष उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान कि आलोचना कर आने वाली बैठको में हिस्सा न लेने का निर्णय लिया था. यद्यपि अभी इस मामले पर बने कमिशन के जरिए बातचीत दोबारा से शुरू होने वाली है. बता दे कि यह कमिशन एक व्यवस्था है, जिसके जरिए दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद का निपटारा किया जाता है.
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