सुपौल: बिहार के सुपौल जिले की फैमिली कोर्ट का एक आदेश इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। कोर्ट ने बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक उदित नारायण पर 10 रुपये का आर्थिक दंड लगाया है। मामला गायक की पहली पत्नी, रंजना नारायण झा द्वारा दायर किया गया था। उन्होंने उदित नारायण के खिलाफ दाम्पत्य जीवन पुनर्स्थापना (सेक्शन 9) का केस दर्ज कराया है। रंजना नारायण का कहना है कि उनकी तबीयत अक्सर खराब रहती है तथा एक पत्नी के नाते वह चाहती हैं कि उनके पति उन्हें अपने साथ रखें तथा उनकी देखभाल करें।
उदित नारायण की गैर-हाजिरी पर कोर्ट का कड़ा रुख
रंजना नारायण द्वारा दायर इस मामले में कोर्ट ने गायक को कई बार नोटिस जारी किया था, किन्तु उदित नारायण कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इसके चलते, सुपौल कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राहुल उपाध्यक्ष ने उनकी अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया तथा 10 रुपये का आर्थिक दंड लगाया। इसके साथ ही, अदालत ने उन्हें अपना जवाब फाइल करने का अंतिम अवसर प्रदान किया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 जनवरी 2025 की तारीख निर्धारित की गई है।
रंजना नारायण झा के अधिवक्ता अजय कुमार ने बताया कि यह केस वर्ष 2022 में दायर किया गया था, लेकिन गायक उदित नारायण तब से अब तक कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि उदित नारायण की तरफ से सहरसा से एक वकील कोर्ट में आते हैं और बड़े सेलेब्रिटी होने का हवाला देते हुए अपनी सुविधानुसार सुनवाई की तारीख आगे बढ़वा लेते हैं।
रंजना नारायण का बयान
रंजना नारायण झा ने अपने बयान में कहा, "मैं सिर्फ एक पत्नी के अधिकार की मांग कर रही हूं। उम्र के इस पड़ाव पर मैं अपने पति के साथ रहना चाहती हूं। मेरे पास मेरी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। बीमारी में भी मुझे अकेले रहना पड़ता है। उदित जी 2-3 साल में सुपौल आते हैं और सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं, किन्तु कभी भी अपने वादे को पूरा नहीं करते हैं।" रंजना नारायण का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है तथा उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट से उन्हें न्याय अवश्य मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब वह अपने अधिकार के लिए लड़ रही हैं, जो एक पत्नी को मिलना चाहिए।
1984 में हुई थी शादी
गायक उदित नारायण का जन्म बिहार के सुपौल जिले के बायस गोठ गांव में हुआ था। सुपौल के जागेश्वरी हाई स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के पश्चात् वह नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय चले गए। चूंकि नेपाल का सीमावर्ती जिला बिहार का सुपौल है, इसलिए उनके परिवार के कई सदस्य नेपाल के निवासी हैं। दोनों परिवारों के बीच नेपाल में विवाह संबंध होते रहते थे। शिक्षा के चलते उदित नारायण ने नेपाली रेडियो के लिए मैथिली और नेपाली गाने गाना शुरू किया। 1978 में वह गायक बनने के सपने के साथ मुंबई आ गए। हालांकि शुरुआती दिनों में उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। इसी दौरान, 1984 में उनके परिवार ने उनकी शादी रंजना नारायण झा से करवा दी।
दीपा गहतराज से दूसरी शादी और विवाद
मुंबई में रहते हुए उदित नारायण की मुलाकात नेपाली गायिका दीपा गहतराज से हुई। दोनों ने साथ में कई नेपाली फिल्मों के लिए गाने गाए। 1985 में उदित नारायण ने दीपा गहतराज से शादी कर ली। इस शादी से उन्हें एक बेटा आदित्य नारायण हुआ, जो खुद एक गायक और एंकर हैं। जब रंजना नारायण झा को उदित नारायण की दूसरी शादी की जानकारी मिली तो उन्होंने पहले सामाजिक स्तर पर इस मुद्दे को उठाया। रंजना का आरोप है कि उदित नारायण ने उन्हें सामाजिक प्रतिष्ठा और आत्महत्या की धमकी देकर कई सालों तक चुप रहने पर मजबूर किया। लेकिन अंततः उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया।
रंजना नारायण झा का कहना है कि अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था और दोनों पत्नियों को साथ रखने का आदेश दिया था। हालाँकि कोर्ट के फैसले के बाद उदित जी फिर सुपौल में उन्हें छोड़कर मुम्बई भाग गए. खर्च के लिए उन्हें पैसा भेज देते हैं, लेकिन साथ में कभी नहीं रखा. उन्होंने कहा कि कई बार वे मुम्बई गई है, मगर उन्हें भगा दिया जाता है. इस बार उन्हें एक पत्नी का जो दर्जा होता है, उन्हें चाहिए.