विजयनगरम : हाल ही में प्रमुख गीतकार वंगपंडु प्रसाद राव का निधन हो गया. जी हाँ, आप सभी को हम यह भी बता दें कि वंडपंडु बीते कुछ समय से ठीक नहीं थे. वहीँ आज यानी मंगलवार सुबह ही विजयनगर जिले के पार्वतीपुरम में उनके निवास पर उनका निधन हो चुका है. आपको हम यह भी बता दें कि उन्होंने गद्दर और निर्मात और निर्देशक बी नरसिंग राव के साथ मिलकर साल 1972 जन नाट्य मंडली स्थापना की थी. इसके अलावा जन नाट्य मंडली तत्कालीन पीपुल्स वार सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के रूप में प्रसिद्ध हुई थी. इसी के साथ ही साथ प्रसाद राव ने अपने लोक गीतों से गाँव के साथ-साथ जनजातियों को भी जागरूक कर एक नया आयाम दिया था.
उन्होंने अपने जीवनकाल में सैकड़ों गीत लिखे और गाये हैं जो लोगों को पसंद आते हैं. वह तेलंगाना के प्रमुख लोक कवि, गायक और अभिनेता थे. वह पैरों में घुंघरु बांधकर गाते और नाचते थे. इसी के साथ आपको बता दें कि ऐम पिल्लो... उनके लोकप्रिय गीतों में से एक है. वह आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय जिलों में 'वंगपंडु' के नाम मशहूर थे. इसके अलावा उन्होंने कम्युनिस्ट आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया.
जी दरअसल वह अपनी रचना, गायन, नृत्य और अभिनय के लिए मशहूर थे. वहीँ उनके क्रांतिकारी गीत यंत्रमेट्टा नडुस्तुंदट्टे..., जज्जेनका जनारे..,, ऐम पिल्लडो एल्दामोस्तवा... आदि गीत आज भी पसंद किये जाते थे. फिलहाल तेलंगाना के नागरिक अधिकार संघ के अध्यक्ष गड्डम लक्ष्मण और सचिव एन नारायण ने गीतकार वंगपंडु प्रसाद राव के निधन पर शोक व्यक्त किया है. इसके अलावा उन्होंने संतप्त परिवारे के प्रति संवेदनाएं व्यक्त किया है.
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