ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियों 9 ग्रहों का वर्णन किया गया है। कहा जाता है यह 9 ग्रह हर राशि में बारी बारी से गोचर करते हैं और ठीक ऐसे ही जल्द ही सिंह राशि में सूर्य का गोचर होने वाला। जी दरअसल सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति के रूप में मनाया जाता है चूंकि सूर्य का प्रवेश सिंह राशि में होने वाला है इसलिए यह दिन सिंह संक्रांति के रूप में मनाया जाएगा। कहा जाता है हिन्दू धर्म में सभी संक्रांतियों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और उन्हीं में से एक सिंह संक्रांति भी है। सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव के साथ साथ भगवान विष्णु भगवान नरसिंह की पूजा का भी विधान है। अब हम आपको बताते हैं सिंह संक्रांति की तिथि उसका महत्व।
सिंह संक्रांति 2022 तिथि (Singh Sankranti 2022 Tithi)- हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह में 17 अगस्त 2022 को सिंह संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सूर्यदेव सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भाद्रपद सिंह संक्रांति का पुण्यकाल 17 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर आरंभ हो जाएगा।
सिंह संक्रांति का महत्व (Singh Sankranti 2022 Mahatva)- जी दरअसल पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना विशेष रूप से पुण्यदायी माना गया है। भगवान विष्णु भगवान नरसिंह का नारियल पानी दूध से अभिषेक करने का भी विधान है।
इसी के साथ सिंह संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने दान आदि कार्यों से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा से व्यक्ति को तेजस्वी व्यक्तित्व चमकता भाग्य प्राप्त होता है। इसी के साथ भगवान विष्णु भगवान नरसिंह की आराधना से व्यक्ति निर्भीकता का वरदान प्राप्त करता है। कहा जाता है सिंह संक्रांति के दिन व्रत रखने वाले जातक को भगवान नरसिंह अपने विरोधी पर हमेशा विजय प्राप्त करने का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
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