कोलंबा: श्रीलंका में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने एक सकारात्मक कदम उठाया है। उन्होने संसद का निलंबन हटा लिया है और देश में चल रहे मौजूदा गतिरोध को समाप्त करने के लिए सोमवार को विधायिका की बैठक बुलाई है। जानकारी के अनुसार बता दें कि बर्खास्त चल रहे प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इसका स्वागत करते हुये कहा कि इस कदम से देश में लोकतंत्र की बहाली होगी।
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यहां बता दें कि रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से अचानक हटाए जाने के बाद देश में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था जिसके बाद विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद राष्ट्रपति सिरिसेना ने उनकी जगह पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था। इसके साथ ही सिरिसेना ने 16 नवंबर तक संसद को निलंबित कर दिया था।
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वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा सांसदों को विक्रमसिंघे के पाले से राजपक्षे के समर्थन में लाने के मकसद से किया गया था ताकि वे 225 सदस्यों वाली संसद में बहुमत के लिए 113 का आंकड़ा जुटा सकें। इस बीच बुधवार को सिरिसेना और संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी जिसके बाद सिरिसेना ने संकेत दिया कि वह अगले सप्ताह संसद का सत्र बुला सकते हैं। राजपक्षे के कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति पांच नवम्बर को संसद बुलाने पर सहमत हो गए हैं।राजनीतिक संकट से पूर्व राजपक्षे और सिरिसेना के दल को मिलाकर कुल 95 सीटें जबकि विक्रमसिंघे के पास 106 सीटें थीं, विक्रमसिंघे के दल यूनाईटेड नेशनल पार्टी के पांच सांसद अब राजपक्षे के पाले में चले जाने से अब उनका संख्या बल घटकर 101 पर आ गया है इसके अलावा एक अन्य यूएनपी सांसद ने उनका समर्थन करने की बात कही है।
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