लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मान्तरण कराने वाले गिरोह से उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ IAS अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के कनेक्शन को लेकर वायरल वीडियो की जाँच का जिम्मा अब विशेष जांच दल (SIT) को सौंपा गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में यह मामला आने के बाद जाँच के लिए गृह विभाग से गठित इस SIT के अध्यक्ष डीजी CBCID जीएल मीणा होंगे एवं सदस्य ADG कानपुर जोन भानु भास्कर होंगे। यह SIT मामले की जाँच करके 7 दिन में सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी।
बता दें कि IAS अधिकारी पर हिंदू धर्म के खिलाफ प्रचार करने का आरोप लग रहा है। इससे पहले कानपुर के पुलिस आयुक्त ने भी ADCP को जाँच सौंपी है। इस प्रकरण पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी नाराजगी जताई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जा रहा है कि SIT जाँच में इस बात पर फोकस करेगी कि क्या वीडियो में कोई जुर्म नज़र आ रहा है? क्या IAS के सरकारी आवास पर कट्टरता और धर्मान्तरण से संबंधित जलसे करने से नियमों का उल्लंघन हुआ है? IAS अफसर की मीटिंग में कौन-कौन लोग शामिल हुए थे?
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद अब यह बात भी निकलकर सामने आई है कि कानपुर पुलिस आयुक्त रहने के दौरान भी IAS मो. इफ्तिखारुद्दीन अपने सरकारी आवास में इस तरह की बैठकें लिया करते थे। वह इसमें खुद कट्टरता का पाठ पढ़ाते देखे जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि कानपुर ही नहीं कई प्रदेशों के मुस्लिम इसमें शामिल होने के लिए यूपी आते थे। यह भी कहा जा रहा है कि बंगला खाली करने के बाद जब उनके आवास की सफाई की गई, तो धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने वाला साहित्य बड़े पैमाने में बरामद हुआ था। लेकिन IAS अफसर होने के कारण तब मामले को दबा दिया गया था।
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