अफगिस्तान की राजधानी काबुल में एक और आत्मघाती हमले की घटना सामने आई है जिसमें करीब 6 लोगों की मौत हो गई और लगभग लगभग इतने ही लोग घायल बताए जा रहे है. जानकारी के मुताबिक ये आत्मघाती हमला उस समय हुआ जब सोमवार को दो हजार से ज्यादा मौलवी और धर्म गुरू आतंकवाद के खिलाफ और शांति स्थापित करने के लिए हो रही एक बैठक में हिस्सा के रहे है. इस आत्मघाती हमले की निंदा करते हुए काबुल की एक शीर्ष धार्मिक संस्था ने इसे इस्लामिक कानून के तहत हराम करार दिया है.
जिस बैठक में इस हमले को अंजाम दिया गया है उसमे अफगान उलेमा काउंसिल से जुड़े मौलवी, विद्वान और धर्म और कानून से जुड़े लोग शामिल थे. काउंसिल ने अफगान सरकार की सेना और तालिबान, अन्य आंतकवादियों से लड़ाई रोकने और संघर्ष विराम पर सहमति बनाने की अपील की है. इस बैठक में आतंकियों और मासूम लोगों के बीच शांति बनाए रखने की भी अपील की गयी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पहला मौका है जब काउंसिल ने इस प्रकार की कोई अपील की है. इस काउंसिल के सदस्य घोफ्रानुल्लाह मुराद ने सभा के एक लिखित बयान को पढ़कर बताया कि अफगानिस्तान के निर्दोष पुरुष, महिलाएं और बच्चे युद्ध के पीड़ित हैं.
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