कोरोना सकारात्मक पाए गए प्लेयर्स की नजर के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण विशेषज्ञों की छह सदस्यीय केंद्रीय टास्क फोर्स गठित करेगा। यह टास्क फोर्स COVID-19 का दंश झेल चुके ओलंपिक की तैयारियों में जुटे प्लेयर्स की छह महीने तक देखभाल करेगी। इसमें देखा जाएगा कि यह प्लेयर खेल के दौरान पड़ने वाले दबाव को झेलने में समर्थ है अथवा नहीं। रिपोर्ट के आधार पर प्लेयर पर काम किया जाएगा।
वही विशेषज्ञों ने भारतीय खेल प्राधिकरण से गुजारिश की है कि जैसे आईपीएल में कुछ टीमों ने क्रिकेटरों की सिक्योरिटी के लिए रिस्ट बैंड अथवा अंगूठी पहना रखी है, उसी प्रकार इन्हें भी यह उपकरण प्राप्त कराए जाएं। इनके माध्यम से टास्क फोर्स के सदस्य ऐप से प्लेयर की हर प्रकार की गतिविधि (प्राणवायु लेवल, नींद लेने की अवधि आदि) पर निगरानी रख सकेंगे। टास्क फोर्स को प्लेयर के पैरामीटरों में कमी लगेगी तो वह क्षेत्रीय मेंबर को इसकी सुचना देकर समाधान करने को कहेंगे।
केवल केंद्रीय लेवल पर ही नहीं, बल्कि जिस जगह पर प्लेयर शिविर में अभ्यास कर रहे हैं वहां भी विशेषज्ञों की क्षेत्रीय टास्क फोर्स गठित की जाएगी। भारतीय खेल प्राधिकरण शीघ्र इसका ऐलान करेगा। टास्क फोर्स में मेडिकल विशेषज्ञ के अतिरिक्त वैज्ञानिक, फीजियो तथा मनोचिकित्सक सम्मिलित किए जाएंगे। अभ्यास के दौरान प्लेयर्स के दिल से जुड़े टेस्ट जैसे इकोकार्डियोग्राफी, कार्डियक अरेस्ट टेस्ट तथा कार्डियक एमआरआई कराए जाएंगे। फेफड़ों से जुड़ी जांच भी कराई जाएगी। वही प्लेयर्स की सुरक्षा को लेकर ये मांग की गई है।
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