आज की भाग* दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने काम में इतने व्यस्त हो गए हैं कि उनके पास खुद को फिट और हेल्दी रखने के लिए समय ही नहीं है. ऐसे में गैजेट्स के बढ़ते चलन ने हमारे हेल्थ के लिए खतरा उत्पन्न कर दिया है. आपको शरीर से जुड़ी कई बीमारी होने लगी है जिसके बचाव के लिए आप कई तरह के उपाय करते हैं. बता दें, इसके दो सबसे प्रमुख कारण हैं* पहला गैजेट्स के साथ लोग घंटों बैठे रहते हैं, दूसरा इनका इस्तेमाल करते समय लोग सही पॉस्चर का ध्यान भी नहीं रखते हैं. ऐसे में कमर से जुड़ी हेल्थ प्रॉब्लम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, स्लिप डिस्क इनमें से ही एक है. तो आइये जानते हैं इसके बचने के उपाय.
क्या है स्लिप डिस्क
हमारी रीढ़ की हड्डी में ऊपर से नीचे की ओर सर्वाइकल स्पाइन में 7, थोरेसिक स्पाइन में 12 और लंबर स्पाइन में 5 हड्डियां शामिल होती हैं. ये हड्डियां डिस्क द्वारा जुड़ी हुई होती हैं. प्रत्येक डिस्क में दो भाग होते हैं, एक नरम आंतरिक भाग और एक कठोर बाहरी रिंग. बाहरी रिंग के कमजोर होने पर डिस्क के आंतरिक भाग को बाहर निकलने का पैसेज मिल जाता है. इसे स्लिप डिस्क या हार्निएटेड डिस्क के रूप में जाना जाता है.
स्लिप डिस्क के कारण
आपको बता दें, स्लिप डिस्क की समस्या तब होती है, जब बाहरी रिंग कमजोर हो जाती है या डैमेज हो जाती है और आंतरिक भाग को बाहर निकलने का रास्ता मिल जाता है. यह परेशानी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन बढ़ती उम्र में इसकी चपेट में आने की आशंका अधिक होती है.
स्लिप डिस्क के लक्षण
* शरीर के एक तरफ दर्द और सुन्नपन होना.
* कमर में असहनीय दर्द होना.
* रात में कमर में दर्द बढ़ जाना.
* लगातार खड़े या बैठे रहने के बाद दर्द होना.
* चलने* फिरने में तकलीफ होना.
* मांस* पेशियों में कमजोरी महसूस होना.
* स्पाइन के प्रभावित क्षेत्र में खिंचाव और दर्द होना.
बचाव के उपाय
कुछ सावधानियां अपनाकर स्लिप डिस्क के विकसित होने के जोखिम को कम कर सकते हैं.
* अधिक वजन उठाने से बचें.
* वजन उठाते समय सही तकनीक का प्रयोग करें.
* अपना वजन मेंटेन रखें.
* कंप्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल करते समय पॉस्चर सही रखें.
* लगातार लंबी अवधि तक बैठने से बचें.
* मांस पेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करें.
अच्छी सेहत के लिए रात में ना करें चावल का सेवन